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    ई-कामर्स कंपनियों के साझा गोदामों पर GST अधिकारियों की नजर, टैक्स चोरी की आशंका

    जीएसटी अधिकारी ई-कामर्स कंपनियों के साझा गोदामों से संबंधित कराधान और पंजीकरण मुद्दों से निपटने के लिए एक व्यवस्था बनाने पर काम कर रहे हैं। इन गोदामों में कई आपूर्तिकर्ता ग्राहकों तक सामान की आपूर्ति के लिए अपना माल जमा करते हैं। जीएसटी कानून के तहत ई-कामर्स प्लेटफार्म को सामान की आपूर्ति करने वाले अपना माल एक साझा गोदाम में रख सकते हैं। लेकिन इससे कुछ समस्याएं हो रही हैं।

    By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 20 May 2024 11:45 PM (IST)
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    जीएसटी कानून के तहत ई-कामर्स प्लेटफार्म के सप्लायर अपना माल एक साझा गोदाम में रख सकते हैं।

    पीटीआई, नई दिल्ली। जीएसटी अधिकारी ई-कामर्स कंपनियों के साझा गोदामों से संबंधित कराधान और पंजीकरण मुद्दों से निपटने के लिए एक व्यवस्था बनाने पर काम कर रहे हैं। इन गोदामों में कई आपूर्तिकर्ता ग्राहकों तक सामान की आपूर्ति के लिए अपना माल जमा करते हैं। जीएसटी नियमों के तहत कई आपूर्तिकर्ताओं द्वारा एक ही गोदाम को अपने 'कारोबार के अतिरिक्त स्थान' के रूप में बताए जाने के बाद ऐसे गोदामों के लिए कराधान का मुद्दा सामने आया है।

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    क्या है गोदाम का नियम

    अधिकारी ने कहा, 'हम इस पर काम कर रहे हैं कि क्या ई-कामर्स कंपनियों की तरफ से कई आपूर्तिकर्ताओं के माल को रखने के लिए बनाए गए गोदामों के लिए 'साझा कार्यस्थल' धारणा को लागू किया जा सकता है या नहीं।' जीएसटी कानून के तहत ई-कामर्स प्लेटफार्म को सामान की आपूर्ति करने वाले अपना माल एक साझा गोदाम में रख सकते हैं। हालांकि, आपूर्तिकर्ताओं को अपने जीएसटी पंजीकरण में गोदाम को कारोबार के अतिरिक्त स्थान के रूप में दिखाना आवश्यक है।

    यहां पर होती है समस्या...

    अधिकारी ने कहा कि जब कई करदाता एक ही गोदाम में पंजीकरण कराते हैं, तो 'जियो-टैग' सभी के लिए एक ही पते को बताता है। यह कर अधिकारी को एक संकेत देता है कि कई करदाता एक ही स्थान पर स्थित हैं और यह एक संभावित धोखाधड़ी वाला पंजीकरण हो सकता है। दूसरा मुद्दा यह है कि जिस गोदाम में कई आपूर्तिकर्ता अपना माल रखते हैं, उसे किसी एक आपूर्तिकर्ता की चूक के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। इसके अलावा, एक जोखिम यह भी है कि कर अधिकारी ऐसी गड़बड़ी के लिए खुद ई-कॉमर्स परिचालकों को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं, जिससे उनके कारोबार पर असर पड़ सकता है। यही वजह है कि नई व्यवस्था की जरूरत पड़ रही है।

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