सर्च करे
Home

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    5 से 28 फीसदी के बीच होगा जीएसटी रेट, काउंसिल में बनी सहमति

    By Praveen DwivediEdited By:
    Updated: Fri, 04 Nov 2016 11:20 AM (IST)

    जीएसटी काउंसिल ने चार स्तरीय कर ढ़ाचे को जीएसटी के अंतर्गत मंजूरी दे दी है। इससे यह स्पष्ट है कि जीएसटी के अंतर्गत अब चार स्तर पर टैक्सेशन होगा। जो 5% ...और पढ़ें

    Hero Image

    नई दिल्ली(पीटीआई): जीएसटी काउंसिल ने चार स्तरीय कर ढ़ाचे को जीएसटी के अंतर्गत मंजूरी दे दी है। इससे यह स्पष्ट है कि जीएसटी के अंतर्गत अब चार स्तर पर टैक्सेशन होगा। जो 5%, 12%, 18% और 28% तय की गई है। गौरतलब है कि इससे पहले हुई काउंसिल की बैठक में जीएसटी की दरों पर आम राय नहीं बन पाई थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या कहा अरुण जेटली ने:

    काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कुछ वस्तुएं टैक्स की सीमा से बाहर होंगी। कर मुक्त वस्तुओं में 50 फीसदी उपभोक्ता महंगाई दर तय करने वाली बास्केट से जुड़ी होंगी। वित्त मंत्री ने यह भी साफ किया कि जीएसटी के अंतर्गत दो स्टैण्डर्ड टैक्स रेट होंगी, जो 12% और 18% की दर से लगेंगी।

    वित्त मंत्री ने कहा कि बड़ी जनसंख्या के द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं पर 5 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा। साथ ही 28 फीसदी की उच्चतम दर से सरकार को जो अतिरिक्त रेवेन्यु प्राप्त होगा उसका इस्तेमाल सरकार 5 फीसदी की दर वाली स्लैब में भरपाई के लिए करेगी।

    तंबाकू उत्पादों एवं लक्जरी आइटम्स पर लगेगा सेस:

    जीएसटी पैनल ने तंबाकू उत्पाद और लक्जरी आइटम्स पर जीएसटी के साथ साथ सेस लगाने को भी मंजूरी दी है। जीएसटी के अंतर्गत पान मसाला, महंगी कार और तंबाखू से बने उत्पादों पर 28 फीसदी से ज्यादा टैक्स लगेगा।

    जीएसटी से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को पहले साल में 50000 करोड़ रुपए का एक फंड बनाने की जरूरत होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सेस से होने वाली कमाई का इस्तेमाल सरकार इसी फंड में करेगी। साथ ही सेस की समीक्षा सालाना आधार पर की जाएगी।

    व्हाइट गुड्स पर घटेगा टैक्स:

    वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मौजूदा टैक्स ढ़ाचे के अंतर्गत व्हाइट गुड्स (वाशिंग मशीन, टीवी आदि) पर 30 से 31 फीसदी की दर से टैक्स लगता है। लेकिन जीएसटी की नई दरों के बाद ये वस्तुएं कुछ शर्तों के साथ 28 फीसदी की टैक्स स्लैब में आ जाएंगी।

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें