GST Amnesty Scheme: टैक्सपेयर मार्च तक के टैक्स डिमांड के खिलाफ अब जनवरी 2024 तक दायर कर सकते हैं अपील
जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक में जीएसटी काउंसिल ने माफी योजना लेकर आई है। योजना के तहत करदाताओं को मार्च 2023 तक कर अधिकारियों द्वारा जारी किए गए कर आकलन के खिलाफ अपील करने के लिए 31 जनवरी 2024 तक का समय दिया गया था। जीएसटी अधिनियम के तहत एक करदाता कर निर्धारण पारित होने के तीन महीने के भीतर कर निर्धारण के खिलाफ आपत्ति दर्ज कर सकता है।
पीटीआई, नई दिल्ली: आज वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की 52वीं मीटिंग में जीएसटी परिषद एक माफी योजना (Amnesty Scheme) लेकर आई है।
इस स्कीम में टैक्सपेयर को मार्च 2023 तक टैक्स अधिकारियों द्वारा पारित मांग आदेशों के खिलाफ अपील दायर करने के लिए 31 जनवरी, 2024 तक का समय दिया गया।
क्या कहता है कानून?
जीएसटी कानून के अनुसार, एक निर्धारिती (assessee) टैक्स अधिकारी द्वारा ऐसा आदेश पारित करने के तीन महीने के भीतर टैक्स की मांग करने वाले मूल्यांकन आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकता है। जिसे अब एक महीने और बढ़ाया गया है।
जीएसटी-पंजीकृत व्यवसायों को टैक्स डिमांड के 12.5 प्रतिशत की पूर्व जमा (pre deposit) राशि के साथ अपील दायर करने के लिए अतिरिक्त समय दिया, जो वर्तमान में 10 प्रतिशत है।
मीडिया से बातचीत करते हुए राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि
जीएसटी परिषद ने सिफारिश की है कि 31 मार्च, 2023 तक पारित सभी आदेशों के लिए करदाताओं द्वारा अपील दायर करने के लिए 31 जनवरी, 2024 तक की अवधि दी जा सकती है, जिसमें बढ़ी हुई पूर्व-जमा राशि शामिल है।
इस नियम को किया गया संशोधित
जीएसटी परिषद ने एक अन्य व्यापार सुविधा उपाय में, जीएसटी नियमों में संशोधन किया है ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि अस्थायी रूप से संलग्न संपत्ति एक वर्ष पूरा होने के बाद जारी की जाएगी।
जीएसटी कानून के तहत, कर अधिकारी करों का भुगतान न करने पर जीएसटी-पंजीकृत संस्थाओं के बैंक खातों सहित संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर सकते हैं।
इन मुद्दे पर भी बनी सहमति
आज जीएसटी परिषद ने मोलासेस पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत पर करने का फैसला किया है। इसके अलावा मानव उपभोग के लिए ईएनए पर 0 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया, हालांकि उद्योगिक कामों में इस्तेमाल होने वाला ईएनए पर वर्तमान जितनी ही जीएसटी लागू रहेगी।
आज जीएसटी काउंसिल ने यह भी फैसला किया कि 70 प्रतिशत अनाज वाले ब्रांडिंग के बिना लूज बाजरे के आटे पर जीएसटी नहीं लगेगे तो वहीं ब्रांडेड बाजरे के आटे पर 18 प्रतिशत जीएसटी को कमकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
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