ग्रोफर्स ने खुद को ब्लिंकिट के नाम से किया रीब्रांड, 10 मिनट में सामान डिलीवरी करने का वादा
क्विक कॉमर्स कंपनी ग्रोफर्स अब ब्लिंकिट के नाम से जानी जाएगी। ब्लिंकिट ने उपभोक्ताओं से 10 मिनट में सामान डिलीवरी करने का वादा किया है। अब ग्रोफर्स भी खुद को ब्लिंकिट के नाम से रीब्रांड कर क्विक कॉमर्शियल कंपनियों में शामिल हो गई है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। ऑनलाइन ग्रोसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म ग्रोफर्स कंपनी ने सोमवार को ऐलान किया कि वह क्विक कॉमर्स की तरफ कदम बढ़ाते हुए खुद को 'ब्लिंकिट' के रूप में रीब्रांड कर रही है।
जोमैटो और सॉफ्टबैंक जैसी कंपनियों ने कुछ महीने पहले 10 मिनट में डिलीवरी के वादे के साथ अपनी क्विक कॉमर्स सेवा शुरू की थी। उसी तरह ग्रोफर्स भी ब्लिंकिट के रूप में नई शुरूआत कर रहा है।
10 मिनट में डिलीवरी करने का वादा
ब्लिंकिट ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि कुछ महीने पहले हमने अपने ग्राहकों के लिए अधिकतम सामानों की 10 मिनट में डिलीवरी करने के वादे के साथ यह यात्रा शुरू की थी। हमने ग्रोफर्स के रूप में बहुत कुछ सीखा है और हमारे सभी सीख, हमारी टीम और हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर, क्विक कॉमर्स पर केन्द्रित होने के लिए पुनर्निमित हो रहे हैं।
क्या है नया मिशन
ब्लॉग पोस्ट में कंपनी ने बताया कि वह 12 शहरों में हर सप्ताह 10 लाख ऑर्डर्स की सर्विस दे रही है। आज हम एक नई कंपनी के रूप में आगे बढ़ रहे हैं और हमारा एक नया मिशन स्टेटमेंट है- 'instant commerce indistinguishable from magic'। अब हम ग्रोफर्स के रूप में नहीं ब्लिंकिट के रूप में काम करेंगे।
दो महीनों में 3.5 गुना की वृद्धि
पिछले महीने ग्रोफर्स ने बताया था कि उसने दिसंबर तक 150 डार्क स्टोर खोलने की योजना बनाई है, जिससे कुल संख्या 350 हो गई है। क्विक कॉमर्स के लिए लगभग 10 मिनट में ऑर्डर देने के लिए उस समय ग्रोफर्स ने कहा था कि उसके पास 3 मिलियन मासिक ऑर्डर रन रेट था और पिछले दो महीनों में 3.5 गुना की वृद्धि दर्ज की थी, जबकि उसे 10 लाख क्विक कॉमर्स उपयोगकर्ता मिले।
भारत में बढ़ रहा क्विक कॉमर्स
रेडसीर की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में क्विक कॉमर्स क्षेत्र 2025 तक मौजूदा 0.3 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 5 बिलियन अमरीकी डॉलर होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता के व्यवहार में बदलाव के कारण बिगबास्केट और ग्रोफर्स जैसे बड़े प्लेयर्स के प्रवेश और इंस्टेंट डिलीवरी प्लेटफॉर्म के शुरू होने के कारण भारत में क्विक कॉमर्स बढ़ रहा है।
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