ग्रॉसरी स्टार्टअप Zepto बना इस साल पहला भारतीय यूनिकॉर्न, 1.4 बिलियन डॉलर हुई कंपनी की वैल्यूएशन
भारतीय किराना स्टार्टअप Zepto ने शुक्रवार को कहा कि उसने ताजा फंडिंग में 200 मिलियन डॉलर जुटाए हैं और इसके साथ कंपनी की वैल्यूएशन1.4 बिलियन डॉलर हो गई है। आपको बता दें कि Zepto 10 मिनट में किराने का सामान पहुंचाने का वादा करता है। इसे 2021 में दो 19-वर्षीय स्टैनफोर्ड ड्रॉपआउट्स छात्रों द्वारा शुरू किया गया था। आइए इस खबर के बारे में जान लेते हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय गॉसरी स्टार्टअप Zepto ने शुक्रवार को कहा कि उसने ताजा फंडिंग में 200 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। 1.4 बिलियन डॉलर के वैल्यूवेशन साथ यह स्टार्टअप इस साल देश का पहला यूनिकॉर्न बन गया है जिसने साल भर के अंदर यह मुकाम हासिल किया है। इसे लेकर Zepto ने कहा कि पूंजी बाजार में एक दशक से अधिक समय से चल रही मंदी के बावजूद भी उसने इतनी फंडिंग हासिल की है।
10 मिनट में डिलीवर करती है ग्रॉसरी
कंपनी के मुताबिक, मौजूदा नेक्सस वेंचर पार्टनर्स, ग्लेड ब्रुक कैपिटल सहित समर्थक और लैची ग्रूम ने भी सौदे में भाग लिया है। बता दें कि Zepto 10 मिनट में किराने का सामान आपके घर पहुंचाने का वादा करता है। इसे 2021 में दो 19-वर्षीय स्टैनफोर्ड ड्रॉपआउट्स छात्रों द्वारा शुरू किया गया था।
यह स्टार्टअप सॉफ्टबैंक से वित्त पोषित स्विगी और ब्लिंकिट को कंपीट करता है। इनमें सबसे बड़ा कम्पटीशन यही है कि कौन जल्दी डिलीवरी करने में सक्षम होगा। Zepto के सीईओ अदित पालिचा ने कहा कि कंपनी का सबसे तेज औसत डिलीवरी समय 13 मिनट है।
Zepto इन शहरों में देती है सर्विस
Zepto फिलहाल दिल्ली-एनसीआर समेत मुंबई और बेंगलुरू जैसे महानगरों में मौजूद है। इस फंडिंग के साथ वह देश के छोटे शहरों की ओर रुख करने की प्लानिंग कर रही है। Zepto हर महीने 50 से 60 मिलियन डॉलर की कमाई करता है।
अभी तक घाटे में है Zepto
Zepto जल्द ही IPO लाने की भी प्लानिंग बना रहा है जिसे 2025 में पेश किए जाने की उम्मीद है। हालांकि इसे लेकर अभी कुछ भी डिटेल नहीं है। फिलहाल Zepto अभी भी घाटे में चल रही है और उसका लक्ष्य अगले 12 से 15 महीनों में लाभ प्राप्त करना है।
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