सरकार ने ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए उठाया अहम कदम, LLP अधिनियम में किया गया संशोधन
सरकार ने ट्रेडिंग को आसान और बेहतर बनाने के लिए कंपनी कानून और एलएलपी अधिनियम के तहत फाइलिंग को समयबद्ध और फेसलेस तरीके से संसाधित करने का फैसला लिया है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को एक प्रेस रिलीज में कहा कि अब तक परिचालन शुरू होने के बाद सीपीसी को 4910 फॉर्म मिले हैं। फॉर्म को समयबद्ध और फेसलेस तरीके से संसाधित किया जाएगा।
पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने ट्रेडिंग को आसान और बेहतर बनाने के लिए कंपनी कानून और एलएलपी अधिनियम के तहत फाइलिंग को "समयबद्ध और फेसलेस तरीके" से संसाधित करने का फैसला लिया है। अब इसे केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र द्वारा संचालन किया जाएगा।
शुरुआत में कंपनी कानून के तहत 12 फॉर्म और आवेदन केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) में संसाधित किए जाएंगे। एक अप्रैल से अन्य प्रपत्रों व आवेदनों का निपटारा केंद्र के माध्यम से किया जायेगा।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को एक प्रेस रिलीज में कहा कि अब तक परिचालन शुरू होने के बाद सीपीसी को 4,910 फॉर्म मिले हैं। फॉर्म को समयबद्ध और फेसलेस तरीके से संसाधित किया जाएगा।
इसके बाद में सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) अधिनियम के तहत दायर फॉर्म/आवेदन को भी केंद्रीकृत करने का प्रस्ताव है।
मंत्रालय ने कहा कि उम्मीद है कि सीपीसी के पूरी तरह से चालू होने के बाद सालाना लगभग 2.50 लाख फॉर्म सीपीसी के माध्यम से संसाधित किए जाएंगे।
सीपीसी की स्थापना के साथ मंत्रालय ने कहा कि कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) को मजबूत कॉर्पोरेट प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए पूछताछ, निरीक्षण और जांच के अपने मुख्य कार्यों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा।
जो कंपनियों और एलएलपी कानूनों को लागू करता है वह पहले ही केंद्रीय पंजीकरण केंद्र (सीआरसी) और त्वरित कॉर्पोरेट निकास (सी-पेस) के लिए केंद्रीकृत प्रसंस्करण का संचालन कर चुका है।
सीआरसी, सी-पेस और सीपीसी निगमन, समापन और विनियामक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दायर किए गए आवेदनों और फॉर्मों की त्वरित प्रसंस्करण सुनिश्चित करेंगे ताकि कंपनियां शामिल हो सकें, बंद हो सकें, परिवर्तन कर सकें और पूंजी जुटा सकें। इसके तहत अपने विभिन्न अनुपालनों को पूरा करने में सक्षम हो सकें।
वित्त वर्ष 2013-14 में कुल 1,02,063 कंपनियों और एलएलपी को शामिल किया गया था और वित्त वर्ष 2022-23 में यह संख्या 92 प्रतिशत बढ़कर 1,95,586 हो गई।
मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के 14 फरवरी तक कंपनियों और एलएलपी का निगमन पिछले किसी भी वित्तीय वर्ष की तुलना में सबसे अधिक रहा है।
सी-पेस के तहत कंपनियों को स्वैच्छिक रूप से बंद करने के लिए दायर किए गए आवेदन गैर-एसटीपी (स्ट्रेट थ्रू प्रोसेसिंग) में औसतन 4 महीने (लगभग 100 दिन) से कम समय के भीतर संसाधित हो रहे हैं, जबकि पहले औसतन 18 महीने से अधिक का समय लगता था।
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