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एग्री इन्फ्रा फंड के तहत आए 8,216 करोड़ के लोन आवेदन, कृषि इन्फ्रा विकसित करने को 1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज वितरित करने का लक्ष्य

केंद्र सरकार को कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एआइएफ) योजना के तहत 8216 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए 8665 आवेदन प्राप्त हुए हैं। एआइएफ फसल कटाई के बाद के उसके प्रबंधन इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए शुरू किया गया है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Wed, 28 Apr 2021 06:17 PM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 01:39 PM (IST)
खेत में हल जोतते एक किसान की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार को कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एआइएफ) योजना के तहत 8,216 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए 8,665 आवेदन प्राप्त हुए हैं। एआइएफ फसल कटाई के बाद के उसके प्रबंधन इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए शुरू किया गया है। इस योजना को बीते वित्त वर्ष (2020-21) से 10 वर्षों के लिए लागू किया गया है। इस योजना के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए कुल एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज वितरित करने का लक्ष्य है। इस पर सरकार तीन फीसद ब्याज छूट देगी। तीन करोड़ रुपये तक की राशि के कर्ज के लिए सूक्ष्म और लघु उद्यम के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) के माध्यम से गारंटी दी जाएगी।

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कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड ने 8,216 करोड़ रुपये के 8,665 आवेदन प्राप्त करने के बाद 8,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। इन आवेदनों में से अब तक 4,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि के कर्ज मंजूर किए जा चुके हैं।

मंत्रालय के मुताबिक सबसे अधिक आवेदन, कृषि उद्यमियों और व्यक्तिगत किसानों की ओर से मिले हैं। उनके बाद प्राथमिक कृषि कर्ज समितियों (पैक्स) ने भी इस योजना का भरपूर लाभ उठाने की तत्परता दिखाई है।

जहां तक राज्यों का सवाल है तो आंध्र प्रदेश से सबसे ज्यादा 2,125 आवेदन मिले हैं। मध्य प्रदेश (1,830), उत्तर प्रदेश (1,255), कर्नाटक (1,071) और राजस्थान (613) के किसानों और पैक्स ने भी बड़ी संख्या में आवेदन किए हैं।

उल्लेखनीय यह है कि इस योजना के बाद कस्टम हायरिंग केंद्रों और फार्म मशीनरी बैंकों जैसी नवीन इन्फ्रास्ट्रक्चर योजनाओं में लोगों की रुचि बढ़ी है। इस क्षेत्र के लिए अब तक 130 आवेदन प्राप्त हुए हैं। वहीं, लगभग 200 आवेदन स्मार्ट और सटीक कृषि के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के मद में हैं। मंत्रालय ने कहा कि उसने एक पोर्टल बनाया है जहां इन योजना के लिए अंशधारक आवेदन जमा कर सकते हैं। इस पोर्टल के माध्यम से आवेदनों की प्रगति की निगरानी भी हो सकती है।


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