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    Krishi Udan Yojana के विस्तार की तैयारी में सरकार, 21 अतिरिक्त हवाई अड्डों को शामिल करने की योजना

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Tue, 14 Feb 2023 12:08 PM (IST)

    Krishi Udan Yojana जी20 सम्मेलन की बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कृषि उड़ान योजना के विस्तार के बारे में बताया। इस योजना के तहत किसान की फसल सीधे हवाई मार्ग से बाजार तक पहुंचाई जाती है।

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    Govt planning to include additional 21 airports under Krishi Udan Yojana

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Krishi Udan Yojana नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि कृषि उड़ान योजना बहुत सफल रही है और केंद्र सरकार इसके तहत 21 अतिरिक्त हवाई अड्डों को शामिल करने की योजना बना रही है ।

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    सिंधिया ने इंदौर में आयोजित पहली जी20 कृषि प्रतिनिधियों की बैठक के दूसरे दिन जानकारी देते हुए कहा कि कम से कम 31 हवाईअड्डे कृषि उड़ान योजना के तहत हैं। हम कृषि उड़ान के तहत 21 और हवाईअड्डों को शामिल करने के लिए रक्षा मंत्रालय (रक्षा मंत्रालय) के साथ बातचीत कर रहे हैं। 

    कृषि उड़ान योजना से किसानों को फायदा

    कृषि उड़ान योजना पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि स्पेशल विमान के जरिए किसानों की उपज सीधे बाजार तक पहुंचाने की योजना काफी सफल रही है। इससे किसानों को सीधे फायदा मिल रहा है और बेहद कम समय में उनकी फसल डारेक्ट मंडी तक पहुंच जाती है।  

    आगे उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इस योजना के माध्यम से उत्तर पूर्व में उगाए जाने वाले नींबू, कटहल और अंगूर को न केवल देश के अन्य हिस्सों में बल्कि जर्मनी, लंदन, सिंगापुर और फिलीपींस जैसे अन्य देशों में भी पहुंचाया जा रहा है।

    बैठक में इन चार चीजों पर फोकस

    G20 कृषि प्रतिनिधियों की पहली बैठक के दूसरे दिन चार प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर प्रतिनिधि अपने विचार- विमर्श रखेंगे, जिसमें खाद्य सुरक्षा और पोषण, क्लाइमेट स्मार्ट एप्रोच के साथ कृषि; समावेशी कृषि वैल्यू चैन एवं फूड सप्लाई सिस्टम और कृषि का डिजिटलीकरण शामिल है।

    क्या है कृषि उड़ान योजना?

    केंद्र सरकार की ओर से अगस्त 2020 में कृषि उड़ान योजना को शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य किसानों के जल्दी खराब होने वाले उत्पादों को बाजार तक किफायती दरों पर पहुंचाना है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह कि किसान अपनी फसल अच्छे दामों पर दूसरे बाजारों में बेच सकते हैं। इसमें किसानों को देश के बाजारों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों के विकल्प भी मिलते हैं।

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