Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इथेनॉल की कीमतें बढ़ाने पर विचार कर रही सरकार, किसानों और चीनी कंपनियों को होगा फायदा?

    इथेनॉल मिश्रण के कई फायदे हैं। इससे कच्चे तेल के आयात का बोझ कम होगा और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करने में भी मदद मिलेगी। यही वजह है कि सरकार लगातार इथेनॉल उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसके लिए इथेनॉल की कीमतों में इजाफे पर विचार हो रहा है। अगर इथेनॉल पर बेहतर तरीके से काम किया गया तो निर्यात के अवसर भी खुल जाएंगे।

    By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 13 Aug 2024 02:07 PM (IST)
    Hero Image
    सरकार नए सीजन के लिए इथेनॉल की कीमतें बढ़ाने पर विचार कर रही है।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार लगातार इथेनॉल (Ethanol) के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भी पिछले दिनों चीनी मिलों से कहा था कि वे इथेनॉल प्रोडक्शन के लिए गन्ने का विकल्प तलाशें, ताकि उत्पादन को बढ़ावा जा सके। इससे क्रूड ऑयल के आयात का बोझ तो कम होगा ही, साथ ही पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इथेनॉल की कीमतें बढ़ाएगी सरकार!

    सरकार नए सीजन के लिए इथेनॉल की कीमतें बढ़ाने पर विचार कर रही है, जो नवंबर 2024 से शुरू होगा। यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से दी है। सरकार का इरादा 2025-26 तक 20 फीसदी ब्लेडिंग टारगेट हासिल करने का भी है। इसके लिए इथेनॉल बनाने के लिए गन्ने के अलावा दूसरी चीजों का इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा, जैसा कि सहकारिता मंत्री पहले ही अपील कर चुके हैं।

    इथेनॉल की कीमतें बढ़ाने के लिए पेट्रोलियम मिनिस्ट्री के ज्वाइंट सेक्रेटरी की अगुआई में एक कमेटी बनाई गई है। यह प्रस्तावों पर चर्चा के लिए पहले ही एक दौर की चर्चा कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, इथेनॉल की कीमतों में संशोधन गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य पर आधारित होगा। इसका मकसद इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देना है।

    अभी कितना है इथेनॉल का दाम?

    सरकार ने 2022-23 सीजन (नवंबर-अक्टूबर) से इथेनॉल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। फिलहाल, गन्ने के रस बनने वाला इथेनॉल 65.61 रुपये प्रति लीटर है। वहीं, बी-हैवी और सी-हैवी गुड़ वाले इथेनॉल की दरें क्रमशः 60.73 रुपये और 56.28 रुपये प्रति लीटर हैं। सरकार इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम को अपनी हरित ऊर्जा प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के साथ ही चीनी मिलों की वित्तीय सेहत सुधारने की कुंजी के रूप में देखती है।

    आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में इथेनॉल मिश्रण मौजूदा सीजन के जुलाई तक 13.3 फीसदी तक पहुंच गया। यह 2022-23 सीजन के दौरान 12.6 फीसदी था। भारत की कुल इथेनॉल उत्पादन क्षमता फिलहाल 1,589 करोड़ लीटर है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 2023-24 सीजन के दौरान मिश्रण के लिए 505 करोड़ लीटर इथेनॉल खरीदा है।

    यह भी पढ़ें : 'इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने का विकल्प तलाशें', अमित शाह ने चीनी मिलों से क्यों कही ये बात?