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    सरकार ने पक्के चावलों पर लगाया 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क, वित्त मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन

    By AgencyEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Sat, 26 Aug 2023 09:53 AM (IST)

    Govt imposes 20 per cent export duty on parboiled rice भारत सरकार की ओर से घरेलू बाजार में कीमतों को काबू में रखने और एक निर्धारित सीमा में स्टॉक को बनाए रखने के लिए पक्के चावल (Parboiled Rice) पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगा दिया गया है। ये निर्यात शुल्क 16 अक्टूबर 2023 तक प्रभावी रहेगा। (जागरण फाइल फोटो)

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    ये निर्यात शुल्क 16 अक्टूबर, 2023 तक लागू रहेगा।

    नई दिल्ली, एजेंसी। भारत सरकार की ओर से पक्के चावल (Parboiled Rice) के निर्यात पर 20 प्रतिशक का निर्यात शुल्क लगा दिया गया है। सरकार द्वारा ये कदम घरेलू स्तर पर पर्याप्त स्टॉक रखने और कीमतों को काबू में रखने के लिए लिया गया है।

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    वित्त मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि ये निर्यात शुल्क 25 अगस्त को लगाया गया है और 16 अक्टूबर, 2023 तक लागू रहेगा।

    किन चावलों को होगी छूट?

    वित्त मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई कि इस निर्यात शुल्क से उन पक्के चावलों को राहत होगी, जिन्हें LEO(let Export Order) नहीं मिला है और पोर्ट्स पर पहुंच चुके हैं और साथ ही 25 अगस्त,2023 से पहले के लेटर ऑफ क्रेडिट मिले हुए हैं।

    ये निर्याक शुल्क लगने के बाद भारत की ओर से सभी तरह से गैर-बासमती चावलों के निर्यात पर रोक लगा दी गई है। भारत द्वारा निर्यात किया जाने वाले कुल चावल का 25 प्रतिशत गैर-बासमती चावल होता है।

    गैर-बासमती सफेद चावल पर भी लगा बैन

    पिछले महीने सरकार की ओर से घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने और रिटेल कीमत को नियंत्रण में रखने के लिए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात को बैन कर दिया गया था। पिछले साल सितंबर में सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर बैन लगाया था।

    भारत कितने चावल का निर्यात करता है?

    चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जून के बीच भारत की ओर से 15.54 लाख टन गैर-बासमती सफेल चावल का निर्यात किया गया था, जो कि पिछले साल केवल 11.55 लाख टन था। गैर-बासमती सफेद चावल पर बैन लगाने का कारण खाद्य वस्तुओं की अधिक कीमत का होना था।

    खाद्य वस्तुओं की कीमत बढ़ने के कारण ही जुलाई में खुदरा महंगाई दर 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो कि जून में 4.87 प्रतिशत थी।