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    कडे़ फैसलों से फीकी होगी मिठास, चीनी पर बढ़ेगा आयात शुल्क

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    Updated: Mon, 23 Jun 2014 11:06 PM (IST)

    केंद्र सरकार आम आदमी को महंगाई की कड़वी दवा का एक और डोज देते हुए चीनी पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है। इससे चीनी के दाम 3 रुपये किलो तक बढ़ सकते हैं।

    नई दिल्ली। केंद्र सरकार आम आदमी को महंगाई की कड़वी दवा का एक और डोज देते हुए चीनी पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है। इससे चीनी के दाम 3 रुपये किलो तक बढ़ सकते हैं।

    खाद्य मंत्री रामविलास पासवान के द्वारा बुलाई गई एक उच्च स्तरीय बैठक में चीनी मिलों को राहत पहुंचाने के लिए चीनी पर आयात शुल्क 15 फीसद से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का फैसला लिया गया। चीनी के लिए 3300 रुपये प्रति टन की निर्यात सब्सिडी की अवधि बढ़ाकर सितंबर तक कर दी गई है। चीनी मिलों को किसानों का करीब 11 हजार करोड़ रुपया चुकाना है। सरकार यह सुनिश्चित करने का भी प्रयास करेगी कि पेट्रोल में 5 फीसद एथनॉल मिश्रण अनिवार्य किया जाए और धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 10 फीसद कर दिया जाए।

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    बैठक के बाद पासवान ने कहा 'हमने चार प्रमुख फैसले किए। हमने चीनी मिलों को उनके द्वारा चुकाये जाने वाले उत्पाद शुल्क के विरुद्ध तीन साल की बजाय पांच साल के लिए ब्याज-मुक्त ऋण देने का फैसला किया है।

    ब्याज मुक्त कर्ज 5 साल तक

    चीनी कंपनियों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज की मियाद 3 साल से बढ़ाकर 5 साल कर दी जाएगी। सरकार की तरफ से चीनी कंपनियों को 4,400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ब्याज मुक्त लोन दिए जाएंगे। बहरहाल, सरकार ने चीनी कंपनियों को किसानों का 11,000 करोड़ रुपये का बकाया फौरन चुकाने का निर्देश दिया है।

    दिसंबर में हुआ था फैसला

    दिसंबर में सरकार ने मिलों को 6600 करोड़ रुपये ब्याज मुक्त ऋण मंजूर किया था, जिससे वे किसानों का बकाया भुगतान कर सकें। मिल द्वारा पिछले तीन साल में चुकाए गए उत्पाद कर के बराबर का ऋण बैंक द्वारा देने की व्यवस्था की गई थी। इसके बदले किसानों का बकाया भुगतान की गारंटी मांगी गई थी।

    फैसले का स्वागत

    इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया और कहा कि इससे मिल मालिकों के पास पैसा आएगा और किसानों का बकाया भुगतान किया जा सकेगा। फैसले के बाद शकर मिलों के शेयरों की कीमते बढ़ गई।

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    शकर के दाम बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। जिससे मिलें कम से कम लागत निकाल सकें। इससे बाजार में सुधार आएगा, घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ेगी और व्यापारी और होल सेलर्स अधिक खरीदी करेंगे। -अविनाश वर्मा , महानिदेशक इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन

    फैसले का असर-बाजार में शकर की थोक कीमतों में 1-2 रुपये की बढ़ोतरी होगी। यह अभी 28-31 रुपये किलो है।

    -विदेश से शकर का आयात कम होगा।

    -देश में रखी अतिरिक्त 25-30 लाख टन शकर का उठाव होगा।

    पढ़ें: आइएसआइ का दायरा बढ़ाएगी सरकार