गर्मियों में कितना ठंडा करेगा आपका एसी? सरकार तय कर दी न्यूनतम अधिकतम तापमान की सीमा
AC temperature rule जब आप अपने घर में एयर कंडीशनर का तापमान एक डिग्री सेल्सियस घटाते हैं तो वह 6 प्रतिशत ज्यादा बिजली खर्च करने लगता है। बिजली की गैरजरूरी खपत नियंत्रित करने के लिए सरकार एसी में टेंपरेचर की रेंज तय करने जा रही है। अभी इसका फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है। जल्दी ही गाइडलाइंस तय होंगे जो घर ऑफिस और कार एसी सब पर लागू होंगे।

नई दिल्ली। अगली बार जब आप एयर कंडीशनर खरीदने जाएं तो हो सकता है आपको ऐसा AC खरीदना पड़े जिसमें न्यूनतम और अधिकतम तापमान की सीमा पहले से निर्धारित हो। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) इस तरह डिफॉल्ट टेंपरेचर को मानक बनाने के फ्रेमवर्क पर काम कर रहा है।
तय होगी न्यूनतम और अधिकतम टेंपरेचर की रेंज
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी तरह के नए एयर कंडीशनर में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस (Minimum AC temperature regulation) और अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तय करने पर विचार किया जा रहा है। घरों और दफ्तरों के अलावा कार की एसी के लिए भी यह तापमान निर्धारित (Summer cooling limit India) किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका मकसद अनावश्यक बिजली खपत को कम करना है।
अनावश्यक बिजली खर्च रोकना है मकसद
इसकी जरूरत (Government AC usage norms) क्यों है, इसके बारे में केंद्रीय ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल ने विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि देश में इस समय करीब 10 करोड़ एयर कंडीशनर हैं। हर साल 1.5 करोड़ नए एसी खरीदे जाते हैं। अगर एयर कंडीशनर का तापमान एक डिग्री सेल्सियस कम किया जाए तो बिजली की खपत 6% बढ़ जाती है। इसलिए नए एयर कंडीशनर में ऐसी व्यवस्था की जाएगी जिससे न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से कम और अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं किया जा सकेगा।
दिशानिर्देशों पर अभी चल रहा है काम
ऊर्जा मंत्रालय के अधीन काम करने वाला ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) इस समय इसका फ्रेमवर्क बना रहा है। इस ब्यूरो का काम कम बिजली खर्च करने वाली डिवाइस तथा सिस्टम को प्रमोट करना है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि अभी इस पर चर्चा चल रही है। न्यूनतम और अधिकतम तापमान की रेंज पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इसके बारे में दिशानिर्देश कब तक जारी किए जाएंगे, वह टाइमफ्रेम भी अभी तय नहीं हुआ है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि अभी विचार-विमर्श की प्रक्रिया चल रही है। इसके पूरा होने के बाद दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। कुछ राज्यों ने आग्रह किया है कि दिशानिर्देश बनाते वक्त उनके यहां हवा में नमी की मात्रा का ध्यान रखा जाए। सरकार ऑटोमोबाइल बनाने वाली कंपनियों के साथ भी विचार-विमर्श कर रही है।
पीक पावर डिमांड 241 गीगावॉट तक पहुंची
गौरतलब है कि 9 जून को भारत में पीक पावर डिमांड 241 गीगावॉट तक पहुंच गई जो अब तक का रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि हम इस वर्ष 270 गीगावॉट तक की पीक डिमांड को पूरा करने के लिए तैयार हैं। देश में 2024-25 में 34 गीगावॉट बिजली उत्पादन क्षमता जुड़ी है। इसमें 29.5 गीगावॉट रिन्यूएबल की क्षमता है। देश में बिजली उत्पादन की कुल क्षमता 472.5 गीगावॉट हो गई है।
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