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    सरकार इस सप्ताह ला सकती है 1.5 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पैकेज, इन सेक्टर्स पर दिया जा सकता है विशेष ध्यान

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Thu, 12 Nov 2020 07:46 AM (IST)

    भारत सरकार इस सप्ताह करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये के एक और प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान कर सकती है। सरकार से जुड़े अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि देश की अर्थव्यवस्था को ऐतिहासिक संकुचन से बाहर निकालने के लिए भारत सरकार इस दिशा में कदम उठा सकती है।

    चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसद का जबरदस्त संकुचन देखने को मिला।

    नई दिल्ली, रायटर्स। भारत सरकार इस सप्ताह करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये के एक और प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान कर सकती है। सरकार से जुड़े अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि देश की अर्थव्यवस्था को ऐतिहासिक संकुचन से बाहर निकालने के लिए भारत सरकार इस दिशा में कदम उठा सकती है। दूसरी ओर सरकार ने बुधवार को 10 सेक्टर्स में मैन्युफैक्चरर्स के लिए पांच साल के लिए दो लाख करोड़ रुपये मूल्य के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव की घोषणा की।  

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    सूत्रों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य शीर्ष अधिकारी नए प्रोत्साहन पैकेज से जुड़ी योजना को गुरुवार को अंतिम रूप दे सकते हैं। 

    सूत्र ने पैकेज से जुड़ा विवरण साझा नहीं किया। हालांकि, यह जरूर कहा कि नए प्रोत्साहन पैकेज में दबाव वाले सेक्टर्स पर जोर दिया जा सकता है और सरकार का ध्यान मुख्य रूप से रोजगार के सृजन पर रह सकता है। 

    भारत सरकार द्वारा मई में घोषित प्रोत्साहन पैकेज का बहुत अधिक असर देश की इकोनॉमी पर नहीं पड़ा और यह कोरोनावायरस लॉकडाउन की वजह से हुए नुकसान को पाटने में काफी हद तक विफल रहा था। इसकी वजह यह है कि इसमें मुख्य रूप से लिक्विडिटी उपलब्ध कराने और छोटे बिजनेसेज को बिना गारंटी के लोन उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया था। 

    सरकार द्वारा मई में घोषित पैकेज में कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित टूरिज्म, हॉस्पिटालिटी और विमानन सेक्टर्स पर ध्यान नहीं दिया गया था।

    उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसद का जबरदस्त संकुचन देखने को मिला। वहीं, कई सर्वेक्षणों में चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में 10 फीसद से ज्यादा के संकुचन का अनुमान जताया गया है।

    भारत के अधिकतर बड़े शहरों में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और देश में हर दिन 40,000 से ज्यादा नए मामले देखने को मिल रहे हैं।