चांदी पर भी मिलेगी शुद्धता की गारंटी, Silver Hallmarking अनिवार्य करने की तैयारी; जानें पूरी डिटेल
सरकार काफी समय से चांदी की हॉलमार्किंग अनिवार्य करना चाहती है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से कहा है कि वह चांदी और चांदी की कलाकृतियों के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू करने पर विचार करें। उन्होंने कहना है कि उपभोक्ता लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि इसकी पूरी डिटेल।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। गोल्ड के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग जून 2021 में लागू हुई। उससे पहले शुद्ध सोना खरीदना काफी मुश्किल होता था। कई बार ग्राहकों को शुद्ध सोने के नाम नकली सोना बेच दिया जाता था। अब चांदी खरीदने में यही समस्या देखने को मिलती है।
दरअसल, पिछले कुछ महीनों की चांदी की कीमतों में जोरदार उछाल आया है। यह एक लाख प्रति किलो के पार भी पहुंच गई थी। इससे नकली चांदी बिकने के मामलों में भी तेजी आई। सरकार इसे रोकने के लिए सिल्वर हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने की तैयारी कर रही है।
चांदी हॉलमार्किंग पर सरकार का रुख
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी का कहना है कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) को उपभोक्ताओं की मांग के बाद चांदी और चांदी की कलाकृतियों के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू करने पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने सोमवार को 78वें बीआईएस स्थापना दिवस समारोह में कहा, "चांदी की हॉलमार्किंग के लिए उपभोक्ताओं की मांग है। बीआईएस को इस पर विचार-विमर्श करके उचित फैसला लेना चाहिए।" सरकार का मानना है कि सिल्वर हॉलमार्किंग अनिवार्य होने से चांदी की बिक्री में धोखाधड़ी के मामले कम होंगे।
सोने की हॉलमार्किंग है अनिवार्य
सरकार ने फिलहाल सिर्फ सोने के आभूषणों और कलाकृतियों के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य कर रखी है। इसकी शुद्धता को 24, 22, 18 और 14 कैरेट में बांटा गया है। 24 कैरेट का गोल्ड सबसे शुद्ध माना गया है। हॉलमार्किंग का मकसद उपभोक्ता हितों की रक्षा करना और उत्पाद की प्रामाणिकता सुनिश्चित करना है।
मौजूदा हॉलमार्किंग सिस्टम में एक यूनीक छह अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड (HUID) शामिल है, जो सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है। अगर चांदी की हॉलमार्किंग अनिवार्य होती है, तो इसकी गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में काफी मदद मिलेगी।
चांदी की हॉलमार्किंग में दिक्कत क्या है?
सरकार काफी समय से चांदी की हॉलमार्किंग अनिवार्य करना चाहती है, लेकिन इसमें एक समस्या है। दरअसल, चांदी में सोने की तरह कैरेट नहीं होता है। इसके चलते चांदी की हॉलमार्किंग करना आसान नहीं है।
यही वजह है कि बीआईएस ने अभी तक चांदी की हॉलमार्किंग के बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। हालांकि, सरकार के हालिया रुख के बाद बीआईएस चांदी की हॉलमार्किंग से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार करना शुरू कर सकता है। इससे जल्द ही सिल्वर हॉलमार्किंग शुरू होने की संभावना रहेगी।
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