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    Petroleum Products: सरकार ने एथेनाल की खरीद मूल्य में 2.75 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि का किया फैसला

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Wed, 02 Nov 2022 09:03 PM (IST)

    सरकार ने उम्मीद जताई है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की मौजूदा कीमतों को देखते हुए यह कीमत काफी आकर्षक है और इससे देश को विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिलेगी। 01 दिसंबर 2022 से शुरू हो रहे सीजन के दौरान 540 करोड़ लीटर एथनोल के लिए टेंडरिंग होगी।

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    पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में फैसला किया गया।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वैश्विक बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भारी अनिश्चितता के बीच केंद्र सरकार ने आयातित क्रूड पर निर्भरता बनाने की कोशिश तेज की है। तेल कंपनियों के लिए बाजार से एथनोल की खरीद मूल्य में 1.65 पैसे प्रति लीटर से लेकर 2.75 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि करने का फैसला किया गया है। बुधवार को पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यह फैसला किया गया है।

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    सरकार ने 40 हजार करोड़ रुपये की बचत की

    कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि देश में पेट्रोल में एथनोल मिश्रण का मौजूदा अधिकतम स्तर 10 फीसद को अगले वर्ष बढ़ा कर 12 फीसद और वर्ष 2025-26 तक 20 फीसद और उसके बाद 20 फीसद से भी ज्यादा करने के लिए सरकार कई स्तरों पर कोशिश कर रही है। सिर्फ 10 फीसद एथनोल ब्लेंडिंग से ही सरकार ने इस वर्ष 40 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत की है।

    कैबिनेट के फैसले के मुताबिक सी हेवी मोलासिस वाले श्रेणी के एथनोल की कीमत 46.66 रुपये प्रति लीटर से बढ़ा कर 49.41 रुपये प्रति लीटर, बी हेवी मोलासिस वाले श्रेणी के एथनोल की कीमत 59.08 रुपये प्रति लीटर से बढ़ा़ कर 60.73 रुपये प्रति लीटर और गन्ने के जूस या गन्ने या चीनी से निकलने वाले एथनोल की कीमत 63.45 रुपये प्रति लीटर से बढ़ा कर 65.61 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है।

    कंपनियों ने 452 करोड़ लीटर एथनोल की खरीद की

    यह कीमत एथनोल खरीद के नये सीजन (01 दिसंबर, 2022 से शुरू) के लिए होगी। यहां बताते चलें कि सी हेवी मोलासिस में कम एथनोल निकलता है, बी हेवी मोलासिस में थोड़ा ज्यादा एथनोल निकलता है जबकि गन्ने के जूस या सीधे चीनी से ज्यादा एथनोल निकालता है। इस वजह से ही इनकी कीमतों में भी अंतर है।

    सरकार ने उम्मीद जताई है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की मौजूदा कीमतों को देखते हुए यह कीमत काफी आकर्षक है और इससे देश को विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिलेगी। पेट्रोलियम मंत्री पुरी ने बताया कि 01 दिसंबर, 2022 से शुरू हो रहे सीजन के दौरान 540 करोड़ लीटर एथनोल के लिए टेंडरिंग की जाएगी। वर्ष 2021-22 (01 दिसंबर, 2021 से 30 नवंबर, 2022 तक) के लिए सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियों ने 452 करोड़ लीटर एथनोल की खरीद की थी।

    सरकार की कोशिश की वजह से 10 फीसद एथनोल मिश्रित पेट्रोल बेचने का लक्ष्य मई, 2022 में (निर्धारित अवधि से छह माह पहले) पूरा कर लिया गया है और अब वर्ष 2023 से देश के कुछ चुनिंदा शहरों में 20 फीसद एथनोल मिश्रण का काम शुरू हो जाएगा।

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    जबकि पूरे देश में 12 फीसद एथनोल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री भी अगले वर्ष शुरु हो जाएगी। भारत अपनी जरूरत का 85 फीसद क्रूड बाहर आयात करता है। ऐसे में घरेलू स्तर पर निर्मित एथनोल की हिस्सेदारी बढ़ने से काफी विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

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