कितना काला धन, जानकारी जुटा रही सरकार
काले धन को लेकर देश में चल रही तमाम बहसों के बावजूद किसी को पक्के तौर पर इस बात की जानकारी नहीं है कि विदेशी बैंकों में भारतीयों ने कितनी अवैध राशि जमा कर रखी है? इस संबंध में सारी बातें सिर्फ अनुमानों के आधार पर कही जाती रही हैं।
नई दिल्ली। काले धन को लेकर देश में चल रही तमाम बहसों के बावजूद किसी को पक्के तौर पर इस बात की जानकारी नहीं है कि विदेशी बैंकों में भारतीयों ने कितनी अवैध राशि जमा कर रखी है? इस संबंध में सारी बातें सिर्फ अनुमानों के आधार पर कही जाती रही हैं। अब केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इसकी पक्की जानकारी जुटाने का फैसला किया है। मंत्रालय ने दिल्ली स्थित राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान व राष्ट्रीय व्यावहारिक अर्थशास्त्र अनुसंधान समिति और फरीदाबाद स्थित राष्ट्रीय वित्तीय प्रबंधन संस्थान को विदेश में भारतीयों द्वारा जमा काले धन की गणना करने को कहा है।
बाद में इस रिपोर्ट को संसद में भी पेश किया जाएगा। विभिन्न अनुमानों में भारतीयों द्वारा जमा काले धन की राशि 50 हजार करोड़ अमेरिकी डॉलर से एक लाख 40 हजार करोड़ डॉलर के बीच बताई जाती रही है। ग्लोबल फाइनेंशियल इंटीग्रिटी ने 46 हजार दो सौ करोड़ डॉलर काले धन का अनुमान लगाया है।
पत्राचार का विवरण देने से इंकार
राष्ट्रीय सुरक्षा और गोपनीयता का हवाला देते हुए वित्त मंत्रालय ने काले धन पर स्विस और जर्मन अधिकारियों के साथ पत्राचार का विवरण देने से मना कर दिया है। सूचना अधिकार कानून (आरटीआइ) के तहत पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए मंत्रालय ने कहा कि वह इन देशों के बैंकों में भारतीय खाताधारकों के बारे में जानकारी हासिल कर रहा है।
चूंकि यह जानकारी दोहरे कराधान निवारण संधि (डीटीएए) के तहत हासिल की जा रही है, इसलिए समझौते की शर्तो के अनुसार इसका विवरण नहीं दिया जा सकता है। इसके साथ ही मंत्रालय ने आरटीआइ कानून की धाराओं का भी हवाला दिया है। सूचना अधिकार कार्यकर्ता ने मंत्रालय से स्विटजरलैंड और जर्मनी की सरकारों को लिखे गए और वहां से प्राप्त पत्रों की प्रति मुहैया कराने का अनुरोध किया था।
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