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    Onion Export Ban : सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध फिर बढ़ाया, जानिए आपकी थाली पर क्या होगा असर?

    Updated: Sat, 23 Mar 2024 08:01 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया है। सरकार ने पहले भी प्याज के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाई थी जो 31 मार्च 2024 को खत्म होने वाली थी। सरकार का कहना है कि उसने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है। हालांकि कारोबारियों ने सरकार के फैसले को गैरजरूरी बताते हुए नाराजगी जताई है।

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    इससे पहले 31 मार्च 2024 तक के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में उपलब्धता बनाए रखने और कीमतों पर नियंत्रण के लिए प्याज के निर्यात पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले 31 मार्च 2024 तक के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था।

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    विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से शुक्रवार देर रात जारी एक अधिसूचना के अनुसार, प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को अगले आदेश तक के लिए बढ़ाया गया है। इसका मकसद है कि देश में प्याज किल्लत ना हो और गरीब की थाली प्याज बरकरार रहे।

    केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष आठ दिसंबर को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, मैत्री देशों के लिए पूर्व मंजूरी के आधार पर प्याज का निर्यात जारी है। रबी सीजन 2023 में देश में 2.27 करोड़ टन प्याज के उत्पादन का अनुमान जताया गया था।

    सरकार ने सब्सिडी पर बेची थी प्याज

    बढ़ती कीमतों से उपभोक्ताओ को राहत दिलाने के लिए सरकार ने अक्टूबर 2023 में बफर स्टाक से सब्सिडी पर प्याज बेचने का फैसला किया था। सरकारी एजेंसियों के जरिये खुदरा बाजारों में इस प्याज की बिक्री 25 रुपये प्रति किलोग्राम पर की गई थी।

    रॉयटर्स के अनुसार, व्यापारियों का अनुमान था कि सरकार 31 मार्च के बाद प्याज निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा देगी। इसका कारण यह है कि निर्यात प्रतिबंध लागू होने के कारण स्थानीय स्तर पर प्याज की कीमत आधी हो गई है। साथ ही चालू सीजन की फसल से ताजा आपूर्ति भी शुरू हो गई है।

    निर्यातक पाबंदी बढ़ने से नाराज

    मुंबई की एक निर्यात फर्म का कहना है कि निर्यात प्रतिबंध में विस्तार पूरी तरह से चौंकानेवाला और गैरजरूरी है। निर्यातकों की दलील है कि प्याज की सप्लाई बढ़ने और कीमतें घटने के बावजूद निर्यात पर पाबंदी लगाई जा रही है।

    महाराष्ट्र की बात करें, तो प्याज का थोक भाव 1,200 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर चुका है। यह दिसंबर में 4,500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था। बांग्लादेश, मलेशिया, नेपाल और संयुक्त अमीरात काफी हद तक भारत से आने वाली प्याज पर निर्भर रहते हैं।

    (पीटीआई से इनपुट के साथ)

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