निर्माणाधीन फ्लैट पर पांच फीसद जीएसटी का प्रस्ताव
जीएसटी काउंसिल ने रियल एस्टेट पर जीएसटी की मौजूदा दर पर विचार कर नई दर सुझाने के लिए इस मंत्रिसमूह का गठन किया था।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार नया फ्लैट खरीदने वालों को जल्द ही राहत दे सकती है। जीएसटी काउंसिल के एक मंत्रिसमूह ने निर्माणाधीन रिहायशी संपत्तियों पर जीएसटी की दर 12 फीसद से घटाकर पांच फीसद करने की वकालत की है। समूह ने अफोर्डेबल हाउसिंग पर भी जीएसटी की दर आठ फीसद से घटाकर तीन फीसद करने को कहा है। जीएसटी काउंसिल ने रियल एस्टेट पर जीएसटी की मौजूदा दर पर विचार कर नई दर सुझाने के लिए इस मंत्रिसमूह का गठन किया था।
गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल की अध्यक्षता वाले इस समूह की शुक्रवार को पहली बैठक हुई। बैठक में निर्माणाधीन फ्लैट पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर पांच फीसद और अफोर्डेबल हाउसिंग पर जीएसटी की दर तीन फीसद रखने की सिफारिश की गई। हालांकि रियल एस्टेट में जीएसटी की दरें घटने की स्थिति में वर्तमान में मिल रही इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा खत्म हो जाएगी।
वर्तमान में निर्माणाधीन फ्लैट और रहने के लिए तैयार वैसे फ्लैट जिन्हें कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है, पर 12 फीसद जीएसटी लगता है। इन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा भी मिलती है। हालांकि कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद फ्लैट की बिक्री पर जीएसटी नहीं लगता है। जब से जीएसटी लागू हुआ है, तब से कई ऐसी शिकायतें आ रहीं थीं कि बिल्डर जीएसटी के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं। जीएसटी लागू होने से पूर्व हाउसिंग सेक्टर पर टैक्स का भार 15 से 18 फीसद था।
सूत्रों ने कहा कि मंत्रिसमूह एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देकर सिफारिशें जीएसटी काउंसिल के पास भेज सकता है। माना जा रहा है कि काउंसिल की अगली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है। वित्त मंत्री की अध्यक्षता में 10 जनवरी को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में हाउसिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए यह मंत्रिसमूह गठित करने का फैसला किया गया था। पटेल की अध्यक्षता वाले इस मंत्रिसमूह में महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, पंजाब, उत्तर प्रदेश और गोवा के मंत्री भी बतौर सदस्य शामिल हैं।