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तस्करी के सोने ने बढ़ाई मुश्किलें, 6700 करोड़ के राजस्व नुकसान की आशंका

2016 में भारत में तस्करी के जरिये लाया जाने वाला सोना दोगुना करीब 300 टन तक पहुंच सकता है।

By Anand RajEdited By: Published: Tue, 23 Aug 2016 07:05 PM (IST)Updated: Tue, 23 Aug 2016 09:07 PM (IST)
तस्करी के सोने ने बढ़ाई मुश्किलें, 6700 करोड़ के राजस्व नुकसान की आशंका

मुंबई (रायटर)। तस्करी से भारत आ रहे सोने ने सरकार के साथ बाजार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सोने का आयात करने वाले बैंकों और बड़े ज्वैलर्स को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। पीली धातु में बढ़ते अवैध कारोबार के कारण सरकार को 6700 करोड़ रुपये से ज्यादा के राजस्व का नुकसान होने की आशंका है।

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ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के डायरेक्टर बचराज बमालवा ने कहा कि 2016 में भारत में तस्करी के जरिये लाया जाने वाला सोना दोगुना करीब 300 टन तक पहुंच सकता है। वैसे, व‌र्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने यह आंकड़ा 160 टन रहने का अनुमान जताया है।

तस्करी से आने वाला सोना अवैध रूप से चलने वाले 'ग्रे मार्केट' में पहुंचता है। इस बाजार में खरीदार को इसे सस्ते दामों पर बेचा जाता है। वजह यह है कि इस सोने पर आयात शुल्क नहीं चुकाया गया होता है। इस साल कुल मांग का एक तिहाई सोना तस्करी से भारत आ सकता है। चीन के बाद भारत सोने का सबसे बड़ा खरीदार है। इससे सरकार को 6700 करोड़ रुपये से ज्यादा के राजस्व का नुकसान हो सकता है।

माना जाता है कि सोने के आयात पर लगे 10 फीसद आयात शुल्क और हाल ही में सोने की ज्वैलरी पर लगाई गई लेवी के चलते गैर-कानूनी रूप से भारत में सोना लाए जाने के मामले बढ़े हैं। एसोसिएशन ऑफ गोल्ड रिफाइनरी एंड मिंट्स के सचिव जेम्स जोस ने बताया कि गोल्ड रिफाइनर्स को एक फीसद से कम मार्जिन मिलता है। तस्कर इस पर चार से पांच फीसद की छूट दे रहे हैं। ऐसे में ऑपरेशंस बंद करने के सिवा कोई चारा नहीं बचता है। एमएमटीसी-पीएएमपी इंडिया के एमडी राजेश खोसला ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में 120 टन सोना रिफाइन किया गया था। इस वर्ष लोकल स्क्रैप अपूर्ति की मदद से 20 टन सोना रिफाइन किया जा सकता है।

सोने-चांदी में तेजी

नई दिल्ली, (प्रेट्र)। विदेशी बाजार में मजबूती के बीच निवेशकों और आभूषण निर्माताओं ने सोने में लिवाली की। इससे स्थानीय सराफा बाजार में मंगलवार को पीली धातु 150 रुपये मजबूत होकर 31 हजार 200 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुई। इसी प्रकार औद्योगिक यूनिटों और सिक्का निर्माताओं की मांग का सहारा पाकर चांदी भी 200 रुपये चमककर 45 हजार 400 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई। बीते लगातार चार सत्रों में यह टूटी थी।

यहां सोना आभूषण के भाव 150 रुपये बढ़कर 31 हजार 50 रुपये प्रति दस ग्राम पर रहे। आठ ग्राम वाली गिन्नी 100 रुपये तेज होकर 24 हजार 300 रुपये की हो गई। चांदी साप्ताहिक डिलीवरी 295 रुपये चढ़कर 44 हजार 780 रुपये प्रति किलो बोली गई। चांदी सिक्का एक हजार रुपये उछलकर 75000-76000 रुपये प्रति सैकड़ा पर बंद हुआ।

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