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    Gold Price Today: 1100 रुपये सस्ता हुआ सोना, चांदी में भी बड़ी गिरावट; क्या खरीदारी का बन गया मौका?

    By Agency Edited By: Suneel Kumar
    Updated: Tue, 06 Aug 2024 06:38 PM (IST)

    मंगलवार को जौहरियों की ओर से कमजोर मांग की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 1100 रुपये गिरकर 71700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई। पिछले सत्र में यह कीमती धातु 72800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। चांदी में भी लगातार चौथे सत्र में गिरावट जारी रही और मंगलवार को यह 2200 रुपये गिरकर 82000 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई।

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    आभूषण विक्रेताओं और खुदरा खरीदारों की मांग में कमी दर्ज की गई।

    पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय बजट में कस्टम ड्यूटी के घटाने के बाद सोने के भाव में बड़ी गिरावट आई थी। लेकिन, फिर वैश्विक अनिश्चितताओं और जौहरियों से अच्छी डिमांड के चलते कीमतों में तेजी आ रही थी। हालांकि, मंगलवार को जौहरियों की ओर से कमजोर मांग की वजह से राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 1,100 रुपये गिरकर 71,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई। पिछले सत्र में यह कीमती धातु 72,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।

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    अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, चांदी में भी लगातार चौथे सत्र में गिरावट जारी रही और मंगलवार को यह 2,200 रुपये गिरकर 82,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई, जबकि पिछले कारोबार में यह 84,200 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी। 2 अगस्त को चांदी की कीमत 86,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी। उसके बाद से पिछले चार सत्रों में चांदी की कीमत में 4,200 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स में सोना 20 डॉलर गिरकर 2,409 डॉलर प्रति औंस रह गया।

    क्यों गिरे सोने और चांदी के भाव

    कारोबारियों ने कहा कि आभूषण विक्रेताओं और खुदरा खरीदारों की मांग में कमी दर्ज की गई, जिसके कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार के अनुसार, त्योहारी सीजन से पहले रुपये में कमजोरी और भौतिक मांग से घरेलू सोने की कीमतों को समर्थन मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता, केंद्रीय बैंक की मांग और कम ब्याज दरें सोने की कीमतों के लिए सकारात्मक संकेत हैं।

    जापान और अमेरिका फैक्टर का असर

    मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में कमोडिटी रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक मानव मोदी ने कहा, "बैंक ऑफ जापान में 18 साल से अधिक समय से नकारात्मक ब्याज दर थी, और ब्याज दर में अचानक वृद्धि ने जापान और अमेरिका के बीच दर अंतर को कम कर दिया, जिससे कैरी ट्रेड अनवाइंडिंग प्रभावित हुई और प्रमुख परिसंपत्ति वर्गों में दबाव बढ़ गया।"

    दूसरी ओर, कमजोर डॉलर भी मेटल मार्केट में मदद करता है, क्योंकि कमजोर अमेरिकी इकोनॉमिक रीडिंग के कारण व्यापारियों ने इस साल अमेरिकी ब्याज में अधिक कटौती की उम्मीद की थी। इसके अलावा, अमेरिका से कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने बाजार प्रतिभागियों को डरा दिया और चिंता बढ़ा दी कि अमेरिका शुरू में उम्मीद से अधिक तेजी से धीमा हो सकता है।

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