Move to Jagran APP

त्योहारों से पहले मिल रहा सस्ता सोना, आयकर में छूट के साथ ही इन सुविधाओं का उठाएं लाभ

आरबीआई के मुताबिक गोल्ड बॉन्ड को सब्सक्रिप्शन के लिए एक बार फिर दिसंबर में 2-6 दिसंबर फिर जनवरी 2020 में 13-17 जनवरी 3-7 फरवरी 2 से 6 मार्च के लिए खोला जाएगा।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 01:11 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 02:58 PM (IST)
त्योहारों से पहले मिल रहा सस्ता सोना, आयकर में छूट के साथ ही इन सुविधाओं का उठाएं लाभ
त्योहारों से पहले मिल रहा सस्ता सोना, आयकर में छूट के साथ ही इन सुविधाओं का उठाएं लाभ

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। धनतेरस और दिवाली से पहले सरकार ने सस्ती दरों पर सोना खरीदने का मौका दिया है। निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) योजना के तहत सस्ता सोना खरीद सकते हैं। इस योजना का लाभ आप आज से यानी 21 अक्टूबर से 25 अक्टूबर 2019 तक उठा सकते हैं। इसकी बिक्री पर होने वाले लाभ पर आयकर नियमों के तहत छूट मिलेगी। आरबीआई इसे सरकार की ओर से 30 अक्टूबर को जारी करेगा।

loksabha election banner

इस स्कीम के तहत ग्राहक 3,835 रुपये प्रति ग्राम पर सोना खरीद सकते हैं। वे निवेशक जो इसके लिए ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं और इसका पेमेंट भी ऑनलाइन करना चाहते हैं उन्हें प्रति ग्राम पर 50 रुपये तक छूट मिलेगी। इस योजना में निवेश के लिए आपको कम से कम 1 ग्राम गोल्ड में निवेश करना होगा। रबीआई के मुताबिक, गोल्ड बॉन्ड सब्सक्रिप्शन के लिए एक बार फिर दिसंबर में 2-6 दिसंबर, फिर जनवरी 2020 में 13-17 जनवरी, 3-7 फरवरी, 2 से 6 मार्च के लिए खोला जाएगा।

कैसे पाएं इनकम टैक्स छूट

गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी पीरियड 8 साल की होती है और इस पर सालाना 2.5 फीसद का ब्याज मिलता है। इस पर मिलने वाला ब्याज निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुरूप कर योग्य होता है, लेकिन इस स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) नहीं होती है। निवेशकों को समझना होगा कि अगर बॉन्ड को तीन साल बाद और आठ साल की मैच्योरिटी पीरियड के पहले बेचा जाता है तो इस पर 20 फीसद की दर से लांग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) टैक्स लगेगा, लेकिन मैच्योरिटी पीरियड के बाद बेचने पर मिलने वाला ब्याज करमुक्त रहेगा। कोई भी व्यक्ति किसी एक वित्तीय वर्ष में कम-से-कम एक ग्राम और अधिकतम 500 ग्राम तक निवेश कर सकता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत नवंबर, 2015 में की गई थी। इस स्कीम का लक्ष्य फिजिकल गोल्ड की मांग में कमी लाने के लिए किया गया था।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड

इस स्कीम में निवेशक सोने में पैसा निवेश कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें फिजिकल फॉर्म में सोना रखने की जरूरत नहीं होती। स्कीम में निवेशकों को प्रति यूनिट गोल्ड में निवेश का मौका मिलता है, जिसकी कीमत इस बुलियन के बाजार मूल्य से जुड़ी होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.