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वैश्विक रुझान और विदेशी निवेशकों पर रहेगी नजर, रुपये में उतार-चढ़ाव और मानसून कर सकता है बाजार को प्रभावित

बीते दो सप्ताह में भारतीय शेयर बाजार में गिरावट नजर नहीं आई है। हालांकि विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं। आने वाले सप्ताह में रुपये में उतार-चढ़ाव और मानसून बाजार को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा वैश्विक रुझान और विदेशी संस्थागत निवेशकों पर नजर रहेगी।

By Sarveshwar PathakEdited By: Updated: Mon, 27 Jun 2022 07:59 AM (IST)
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रुपये में उतार-चढ़ाव और मानसून की प्रगति भी बाजार को करेगी प्रभावित

नई दिल्ली, प्रेट्र। इस सप्ताह शेयर बाजार वैश्विक रुझान, कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख पर निर्भर करेगा। चूंकि इस सप्ताह मासिक डेरिवेटिव की एक्सपायरी भी है, इसलिए बेंचमार्क सूचकांक में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इसके अलावा रुपये में उतार-चढ़ाव और मानसून की प्रगति पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।

आने वाले दिनों में एक अच्छी रैली की उम्मीद

स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा कि वैश्विक बाजारों में सुधार और कमोडिटी की कीमतों में कटौती के चलते भारतीय बाजार निचले स्तरों से उबरने में कामयाब रहे हैं। यह रिकवरी आगे भी बनी रह सकती है और हम आने वाले दिनों में एक अच्छी रैली की उम्मीद कर सकते हैं। मीणा ने कहा, 'एफएंडओ की एक्सपायरी के अलावा, मासिक आटो बिक्री के आंकड़े, मानसून पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।' इसके अलावा कच्चे तेल, रुपये में उतार-चढ़ाव और विदेशी निवेशकों का रुख भी बाजार को प्रभावित करेंगे।

कच्चे तेल की कीमत और मानसून की प्रगति पर रहेगी निगाह
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि जून महीने के डेरिवेटिव अनुबंधों की समाप्ति के चलते इस सप्ताह भी अस्थिरता अधिक रहेगी। इसके अलावा वैश्विक सूचकांक, कच्चे तेल की कीमत और मानसून की प्रगति पर भी निगाह रहेगी।' लगातार दो सप्ताह के नुकसान के बाद 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स पिछले हफ्ते 1,367 अंक या 2.66 प्रतिशत उछलकर बंद हुआ था। निफ्टी में 405.75 अंक या 2.64 प्रतिशत की भी तेजी दर्ज की गई थी।

अमेरिकी जीडीपी के आंकड़ों पर भी रहेगी निवेशकों की नजर

सैमको सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड येशा शाह ने कहा, 'इस सप्ताह कई ऐसे घटनाक्रम हैं जो बाजार के मूड को प्रभावित कर सकती हैं। वैश्विक स्तर पर निवेशकों की नजर अमेरिकी जीडीपी के आंकड़ों पर रहेगी। भारत में वाहन बिक्री के आंकड़े भी बाजार को प्रभावित कर सकते हैं।