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    IMF का चीफ इकोनॉमिस्ट पद छोड़ेंगी गीता गोपीनाथ, वापस लौटेंगी Harvard University

    By Manish MishraEdited By:
    Updated: Wed, 20 Oct 2021 11:36 AM (IST)

    IMF ने अपने बयान में कहा है कि गीता गोपीनाथ ने कई महत्‍वपूर्ण पहल की। उन्‍होंने पैंडेमिक पेपर में अपना महत्‍वपूर्ण योगदान किया जिसमें उल्‍लेख है कि कोरोना महामारी को कैसे समाप्‍त किया जा सकता है और इसी के आधार पर विश्‍व भर में वैक्‍सीनेशन का लक्ष्‍य तय किया गया।

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    Gita Gopinath To Leave The Post of IMF Chief Economist to Return to Harvard University

    वाशिंगटन, एएनआई। अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मैनेजिंग डायरेक्‍टर क्रिस्‍टैलिना जियोर्जिवा ने बुधवार को बताया कि चीफ इकोनॉमिस्ट और रिसर्च डिपार्टमेंट की डायरेक्‍टर गीता गोपीनाथ जनवरी में IMF छोड़ना चाहती हैं और वापस हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट में लौटना चाहती हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने अपवाद के आधार पर गीता गोपीनाथ की अनुपस्थिति से जुड़ी छुट्टियां एक साल के लिए बढ़ा दी थी। इसी की बदौलत वह IMF में तीन साल तक चीफ इकोनॉमिस्ट के पद से जुड़ी रहीं। यह जानकारी International Monetary Fund ने एक बयान में दी है।

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    IMF से गीता गोपीनाथ के सेवानिवृत्‍त होने की मंशा की घोषणा करते हुए जियोर्जिवा ने कहा, 'गीता गोपीनाथ का आईएमएफ में योगदान और उनकी सदस्‍यता हमारे लिए वास्‍तव में महत्‍वपूर्ण रही है और उनका काम सराहनीय रहा है। आईएमएफ की पहली चीफ इकोनॉमिस्‍ट बनकर उन्‍होंने इतिहास रचा और हमें उनकी बुद्धिमता और अंतरराष्‍ट्रीय फाइनेंस तथा मैक्रोइकॉनोमिक्‍स के गहरे ज्ञान से काफी मदद मिली।'

    अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष ने अपने बयान में कहा है कि गीता गोपीनाथ ने कई महत्‍वपूर्ण पहल की। उन्‍होंने 'पैंडेमिक पेपर' में अपना महत्‍वपूर्ण योगदान किया, जिसमें उल्‍लेख है कि कोरोना महामारी को कैसे समाप्‍त किया जा सकता है और इसी के आधार पर विश्‍व भर में वैक्‍सीनेशन का लक्ष्‍य तय किया गया। इसके आधार पर आईएमएफ, वर्ल्‍ड बैंक, डब्‍ल्‍यूटीओ और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के नेतृत्‍व में मल्‍टीलेटरल टास्‍क फोर्स तैयार किया गया। इस टास्‍क फोर्स का उद्देश्‍य महामारी का अंत और वैक्‍सीन निर्माताओं के साथ एक ऐसे कार्यकारी समूह का गठन करना था, जो कारोबारी तथा आपूर्ति में आने वाली बाधाओं की पहचान करे और निम्‍न तथ निम्‍न-मध्‍यम आय वाले देशों में वैक्‍सीन की डिलिवरी में तेजी लाए।

    गीता गोपीनाथ के रिसर्च पेपर्स कई मूर्धन्‍य इकोनॉमिक्‍स जर्नल्‍स में प्रकाशित हो चुके हैं। IMF के Chief Economist बनने से पहले वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्‍त्र विभाग में International Studies and Economics की प्रोफेसर थीं।