त्योहारी सीजन में बढ़ी मांग के बाद अब सितंबर तिमाही में उम्मीद से बेहतर रहेंगे जीडीपी के आंकड़ें: RBI
त्योहारी सीजन के दौरान कारों गहनें रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्रों में मांग बढ़ने से सितंबर तिमाही में आर्थिक विकास को प्रभावित कर सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज जारी अपनी मासिक रिपोर्ट में बताया कि मांग बढ़ने से उम्मीद है कि वित्त वर्ष 24 के सितंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े अनुमान से बेहतर होंगे। पढ़िए क्या है पूरी खबर।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। त्योहारी मौसम में जिस तरह की मांग आटोमोबाइल, स्वर्ण आभूषण, रीयल एस्टेट व दूसरे सेक्टरों में देखने को मिली है उसका असर इस तिमाही की आर्थिक विकास दर पर भी दिखाई पड़ सकता है। यह बात आरबीआई की तरफ गुरुवार को जारी मासिक रिपोर्ट में इशारा किया गया है।
अनुमान से बेहतर होंगे सितंबर तिमाही का विकास दर
आरबीआई की यह रिपोर्ट तब आई है जब कई एजेंसियों ने अब यह कहना शुरू कर दिया है कि चालू वित्त वर्ष 2023-23 की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में भी भारत की आर्थिक विकास दर के अनुमान पहले के मुकाबले बेहतर रहेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास ने भी हाल में इस तरह के संकेत दिए थे।
भारतीय करेंसी रुपया सबसे अधिक स्थिर
आरबीआई की यह रिपोर्ट डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति के बारे में बताती है कि दुनिया की चालीस प्रमुख मुद्राओं में भारतीय रुपया सबसे ज्यादा स्थिर रहने वालों में से है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर डॉ. माइकल पात्रा की अगुवाई में तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि,
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बदलाव का जो माहौल बना है और जिस तरह से त्योहारी सीजन में मांग के बहुत ही बेहतर रहने की संभावना है उससे वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) में जीडीपी उम्मीद से बेहतर रहने की उम्मीद है।
दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े आने बाकी
अभी दूुसरी तिमाही के भी आंकड़े नहीं आए हैं लेकिन कुछ दिनों पहले आरबीआई गवर्नर डॉ. दास ने कहा था कि दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था की स्थिति सभी को आश्चर्यचकित कर देगा।
आरबीआई ने 06 अक्टूबर, 2023 को मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए दूसरी तिमाही के विकास दर के 6.5 फीसद और तीसरी तिमाही के विकास दर के 6 फीसद रहने का अनुमान लगाया था। जाहिर है कि केंद्रीय बैंक के आला अधिकारी मान रहे हैं कि असलियत में विकास दर इससे बेहतर होगी।
क्या है आरबीआई का अनुमान?
पूरे वित्त वर्ष के लिए आर्थिक विकास दर के 6.5 फीसद रहने की बात आरबीआई अभी तक करता रहा है। नई उम्मीदों के पीछे सितंबर, 2023 से शुरु त्योहारी मौसम में औद्योगिक मांग के बहुत ही अच्छा रहना है।
आरबीआई की रिपोर्ट ने महंगाई की स्थिति पर भी विस्तार से चर्चा की है। इसमें कहा गया है कि सितंबर और अक्टूबर माह में खुदरा महंगाई की दर क्रमश: 5 फीसद और 4.9 फीसद रही है लेकिन अभी स्थिति पूरी तरह से सुधरी नहीं है। वैश्विक हालात पर नजर रखने की जरूरत है।
वैसे महंगाई की यह स्थिति वर्ष 2022-23 में दर्ज 6.7 फीसद और जुलाई-अगस्त, 2023 में दर्ज 7.1 फीसद से काफी बेहतर है। रिपोर्ट ने भारतीय रुपये और अमेरिकी मुद्रा की स्थिति का भी पूरा आकलन पेश किया है और बताया है कि अक्टूबर, 2023 में अमेरिकी रुपये के सापेक्ष सबसे ज्यादा स्थिर रहने वालों भारतीय रुपया है।
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