Ganesh Chaturthi 2025 : भारत के सबसे महंगे गणेश पंडाल, सोने-चांदी से सजे बप्पा; करोड़ों की कमाई
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025 ) भारत का एक प्रमुख त्योहार है जो धूमधाम से मनाया जाता है। मुंबई में लालबागचा राजा जैसे पंडालों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। जीएसबी मंडल अपनी सोने-चांदी से सजी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है जिसने 474 करोड़ रुपये का बीमा करवाया है। पुणे का श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर भी अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है।
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025) भारत के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। जो अपने भव्यता, भक्ति और अद्भुत रूप से सजाए गए पंडालों के लिए जाना जाता है। भारत में खासतौर पर मुंबई में हर साल, लाखों भक्त भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने के लिए प्रतिष्ठित गणेश पंडालों में जाते हैं। देश भर में उत्सव मनाए जाते हैं, लेकिन कुछ गणेश पंडाल अपने इतिहास, बहुत बड़े पैमान और आध्यात्मिक महत्व के लिए खास होते हैं। ऐसे में आज हम आपको भारत के महंगे गणेश पंडाल (India richest Ganesh pandal) के बारे में बता रहे हैं।
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लालबागचा राजा, मुंबई
मुंबई का सबसे मशहूर गणेश पंडाल लालबागचा राजा है। यहां सिर्फ दर्शन के लिए लोग 12-14 घंटे लंबी लाइन में खड़े रहते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल जब इस पंडाल के सोने-चांदी के चढ़ावे की नीलामी तो 2.35 करोड़ रुपये जुटाए गए। इसमें 1 किलो का सोने का ईंट 75.9 लाख रुपये में बिका, तो वहीं लगभग उतने ही वजन का सोने का हार 74 लाख रुपये में नीलाम हुआ। कुल मिलाकर, लालबागचा राजा की कमाई 8 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
GSB मंडल, मुंबई
मुंबई का एक और भव्य पंडाल गौड़ सारस्वत ब्राह्मण (GSB) मंडल है। यहां की गणेश मूर्ति सोने-चांदी के गहनों से सजी होती है। साल 2023 में यहां मौजूद गणेश मूर्ति को 69 किलो सोना और 336 किलो चांदी से सजाया गया। वहीं मंडल ने इस साल इसके लिए 474 करोड़ रुपये का बीमा भी करवाया था। परंपरा और सुरक्षा का यह संगम GSB मंडल को बाकी से अलग बनाता है।
अंधेरीचा राजा, मुंबई
इसे किंग ऑफ अंधेरी भी कहा जाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है इसका विसर्जन, जो बाकी पंडालों से काफी देर बाद किया जाता है। इसी वजह से यहां अंतिम दिन भी भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति, पुणे
पुणे का सबसे मशहूर और अमीर गणेश मंदिर। यहां की मूर्ति सोने के गहनों से सजी होती है और हर साल लाखों लोग दर्शन के लिए आते हैं। भव्य सजावट और गहरी आस्था – यही इस मंदिर की पहचान है।
मुंबई का सबसे पुराना मंडल: गणेश गली (मुंबईचा राजा)
1928 में शुरू हुआ यह मंडल मुंबई का सबसे पुराना गणेश मंडल माना जाता है। लालबागचा राजा से कुछ ही दूरी पर यह पंडाल अपनी सादगी और परंपरा के लिए मशहूर है। यहां सजावट हमेशा आकर्षक और अक्सर रेट्रो थीम पर आधारित होती है। खास बात यह है कि यह मंडल सिर्फ त्योहारों तक सीमित नहीं है, बल्कि सालभर समाजसेवा और स्थानीय कामों में जुटा रहता है।
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