Future Retail के खिलाफ बैंक ऑफ इंडिया पहुंचा NCLT, कर्जा न चुकाने का है मामला
फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) को अपनी खुदरा संपत्ति रिलायंस रिटेल को बेचने की मंजूरी को लेकर शेयरधारकों की अगले सप्ताह बुलाई गई बैठक को लेकर Amazon.com ने आगाह किया है। कंपनी ने लिखे पत्र में कहा कि ऐसी बैठकें अवैध हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ । बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) ने कर्ज में डूबी Future Retail Ltd (FRL) के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में एक याचिका दायर की है। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ने ई-कॉमर्स प्रमुख Amazon और दूसरे मुकदमों के कारण बैंक को 5,322.32 करोड़ रुपये न चुका पाने की सूचना दी थी।
कंपनी के खिलाफ Insolvency and Bankruptcy Code में याचिका दाखिल
FRL ने नियमकीय फाइलिंग में कहा कि बैंक ऑफ इंडिया ने कंपनी पर बकाया रकम का भुगतान न करने पर कंपनी के खिलाफ Insolvency and Bankruptcy Code, 2016 की धारा 7 के तहत एक याचिका दाखिल करने की सूचना दी है। कंपनी ने बताया कि उसे याचिका की कॉपी मिली है और इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है। Bank of India उस कंसोर्टियम का लीड बैंकर है, जिसने बीते महीने सार्वजनिक नोटिस के जरिए कंपनी के एसेट पर दावा किया था। साथ ही चेतावनी दी थी कि किशोर बियानी के FRL ग्रुप की कंपनियों से कोई भी डील नहीं करेगा।
ग्रुप ने बैंकों के साथ 2020 में करार किया था
Future Group की कंपनियों ने बैंकों के साथ 2020 में करार किया था। FRL 24713 करोड़ रुपये की उस डील का हिस्सा है, जिसके बारे में ग्रुप ने अगस्त 2020 में घोषणा की थी। उसने बताया था कि वह रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में ऑपरेट कर रहीं 19 कंपनियों को रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (Reliance Retail Ventures Ltd (RRVL)) को बेच रही है। सभी 19 कंपनियों को कंसोलिडेट करके एक इकाई में शामिल किया गया है, जिसका नाम Future Enterprises Ltd है और उसे प्रस्तावित डील के तहत RRVL को ट्रांसफर किया जा रहा है। Future समूह 20 से 23 अप्रैल के बीच अपने शेयरधारकों और क्रेडिटर्स के साथ बैठक करने वाला है।
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