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जेट सौदे पर सीसीआइ के आदेश को चुनौती

एयर इंडिया के पूर्व कार्यकारी निदेशक जितेंद्र भार्गव ने जेट-एतिहाद सौदे पर प्रतिस्पद्र्धा आयोग (सीसीआइ) के 12 नवंबर के आदेश को चुनौती दी है। प्रतिस्पद्र्धा अपीलीय ट्रिब्यूनल (कॉम्पैट) में दायर याचिका में भार्गव ने कहा है कि इन्वेस्टमेंट एग्रीमेंट, शेयरहोल्डर्स एग्रीमेंट और कॉमर्शियल को-ऑपरेशन एग्रीम

By Edited By: Published: Thu, 12 Dec 2013 11:56 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
जेट सौदे पर सीसीआइ के आदेश को चुनौती

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। एयर इंडिया के पूर्व कार्यकारी निदेशक जितेंद्र भार्गव ने जेट-एतिहाद सौदे पर प्रतिस्पद्र्धा आयोग (सीसीआइ) के 12 नवंबर के आदेश को चुनौती दी है। प्रतिस्पद्र्धा अपीलीय ट्रिब्यूनल (कॉम्पैट) में दायर याचिका में भार्गव ने कहा है कि इन्वेस्टमेंट एग्रीमेंट, शेयरहोल्डर्स एग्रीमेंट और कॉमर्शियल को-ऑपरेशन एग्रीमेंट के जरिये एतिहाद द्वारा जेट की 24 फीसद इक्विटी खरीद को मंजूरी देना कानून सम्मत नहीं है।

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घरेलू बाजार का समुचित विश्लेषण किए बगैर दिए गए आदेश से भविष्य में विमानन क्षेत्र में प्रतिस्पद्र्धा का वातावरण नष्ट हो जाएगा। अपनी याचिका में भार्गव ने कहा है कि प्रतिस्पद्र्धा कानून की धारा 20 (2) के तहत सौदे से प्रतिस्पद्र्धा पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव का समुचित आकलन करने में आयोग विफल रहा है। इससे उद्योग से प्रतिस्पद्र्धा लुप्त हो जाएगी। साथ ही हवाई यात्रियों को ऐसा नुकसान होगा जिसकी भरपाई मुश्किल होगी। यदि इस सौदे को बगैर किसी व्यापक विश्लेषण के मौजूदा स्वरूप में लागू होने दिया गया तो हवाई यात्रियों के समक्ष प्रमुख रूटों पर मनपसंद एयरलाइन चुनने के सारे रास्ते बंद हो जाएंगे।

न केवल उन्हें ज्यादा किराया चुकाना होगा बल्कि उनके सामने उड़ानों के सीमित विकल्प उपलब्ध होंगे। उन्हें बेहतर सेवा भी नहीं प्राप्त हो सकेगी। कुछ बाजारों में तो दूसरी एयरलाइनों को उड़ानें बंद करनी पड़ सकती हैं। ज्यादा पूंजी आवश्यकता वाले इस उद्योग में एयरलाइनों की लाभार्जकता पर भी बुरा असर पड़ेगा। एक बार इन एयरलाइनों ने भारतीय एविएशन बाजार छोड़ा तो उनके लिए वापसी मुश्किल होगी। इस अपील पर कॉम्पैट 19 दिसंबर को सुनवाई करेगा।


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