किसान व छोटे उद्यमियों के लिए जल्द ही फ्रिकशनलेस क्रेडिट की सुविधा, RBI ने गुजरात में लगाई प्रदर्शनी
किसान डेयरी उद्यमी एमएसएमई को जल्द ही फ्रिकशनलेस क्रेडिट की सुविधा प्राप्त होने वाली है। आरबीआइ की सब्सिडियरी आरबीआइ इनोवेशन हब की तरफ से इस प्रकार के डिजिटल टेक प्लेटफार्म विकसित किए जा रहे हैं जिनकी मदद से लोन लेने के लिए किसी प्रकार के संपर्क या दस्तावेज की कोई जरूरत नहीं होगी। गुजरात में हो रही जी-20 समूह के वित्त मंत्रियों की बैठक में इसकी प्रदर्शनी लगाई गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। किसान, डेयरी उद्यमी, एमएसएमई को जल्द ही फ्रिकशनलेस क्रेडिट की सुविधा प्राप्त होने वाली है। आरबीआइ की सब्सिडियरी आरबीआइ इनोवेशन हब की तरफ से इस प्रकार के डिजिटल टेक प्लेटफार्म विकसित किए जा रहे हैं, जिनकी मदद से लोन लेने के लिए किसी प्रकार के संपर्क या दस्तावेज की कोई जरूरत नहीं होगी।
जी-20 की बैठक में फ्रिकशनलेस क्रेडिट डिजिटल प्लेटफार्म की लगाई गई प्रदर्शनी
आरबीआइ की तरफ से गुजरात में हो रही जी-20 समूह के वित्त मंत्रियों की बैठक में फ्रिकशनलेस क्रेडिट डिजिटल प्लेटफार्म की प्रदर्शनी लगाई गई है। फ्रिकशनलेस क्रेडिट प्लेटफार्म विभिन्न प्रकार के डिजिटल डाटा प्वाइंट से जुड़े होंगे। इस प्लेटफार्म को प्लग एंड प्ले मॉडल पर विकसित किया जा रहा है। वित्तीय सेक्टर के सभी प्लेयर्स उस प्वाइंट से जुड़कर आसानी से लोन लेने वालों की सभी प्रकार की जानकारी हासिल कर सकेंगे जिसकी मदद से सिर्फ दो-चार मिनट में डिजिटल क्रेडिट की पूरी प्रक्रिया को पूरा कर सकेंगे।
किसानों को लोन लेना हो जाएगा आसान
आरबीआइ का मानना है कि इस सुविधा के पूरी तरह से बहाल होने से किसानों व एमएसएमई को लोन लेना काफी आसान हो जाएगा। फ्रिकशनलेस क्रेडिट प्लेटफार्म को विकसित करने के क्रम आरबीआइ इनोवेशन हब के प्रयास के तहत इन दिनों डिजिटल डेयरी जर्नी और डिजिटल किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कई राज्यों में पायलट रूप से लोन दिया जा रहा है।
क्या है डिजिटल किसान क्रेडिट कार्ड?
डिजिटल किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से वित्तीय संस्थान को बगैर कोई सर्वे किए किसानों की भूमि के रिकार्ड का पता लग जाता है और उसमें लगी फसल की भी जानकारी मिल जाती है। इसके आधार पर किसानों को सिर्फ ई-केवाईसी व डिजिटल हस्ताक्षर के आधार पर उनके खाते में लोन दिए जा रहे हैं। वित्तीय संस्थान किसानों की जमीन के रिकार्ड डाटा को राज्य सरकार की मदद से हासिल कर रहे हैं।
इन राज्यों में दिए जा रहे लोन
डिजिटल डेयरी लोन डेयरी कोपरेटिव से जुड़े डाटा की मदद से दिए जा रहे हैं जिससे पता चल जाता है कि डेयरी उद्यमी रोज कितना दूध निकालता है। डिजिटल किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र के किसानों को पायलट रूप से लोन दिए जा रहे हैं।
लोन की ब्याज दर में हो सकती है कमी
डिजिटल डेयरी लोन का पायलट प्रोजेक्ट अभी गुजरात में किया जा रहा है। फ्रिकशनलेस तरीके से लोन देने में वित्तीय संस्थाओं की लागत में भी कमी आएगी जिसका फायदा लोन लेने वाले किसान व छोटे उद्यमियों को मिल सकता है। इस प्रकार के लोन की ब्याज दर कम हो सकती है।