FPI ने खेला फाइनेंशियल सेक्टर पर दांव; नवंबर में बाजार में डाले 14,205 करोड़ रुपये
जहां तक इक्विटी बाजारों में समग्र एफपीआई प्रवाह का संबंध है यह यूएस फेडरल रिजर्व की नीति बैठक पर निर्भर करेगा। फेड मीटिंग 13-14 दिसंबर को निर्धारित है। गिरती हुई बॉन्ड यील्ड के बीच ब्याज दरों में कठोर वृद्धि की गुंजाइश कम हो गई है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय वित्तीय सेवा क्षेत्र में इन दिनों बहार है। यह बाजार काफी अच्छी स्थिति में नजर आ रहा है। विदेशी निवेशकों ने नवंबर में इस क्षेत्र में 14,205 करोड़ रुपये (2.1 अरब डॉलर) का शुद्ध निवेश किया है। आपको बता दें कि मुनाफावसूली के कारण अक्टूबर में वित्तीय सेवा शेयरों से 4,686 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई थी।
कुल मिलाकर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने नवंबर में देश के इक्विटी बाजारों में 36,238 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है। इसमें से वित्तीय सेवा क्षेत्र ने 14,205 करोड़ रुपये आकर्षित किए, जो इक्विटी में एफपीआई द्वारा किए गए कुल निवेश का 39 प्रतिशत है, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों से पता चलता है कि अधिकांश खरीदारी नवंबर 2022 के पहले 15 दिनों में हुई है।
17 फीसदी बढ़ी क्रेडिट ग्रोथ
स्टॉक्सबॉक्स के अनुसंधान प्रमुख मनीष चौधरी ने कहा कि वित्तीय सेवा क्षेत्र मंदी के दौर से बाहर आ रहा है और ऋण में मजबूत वृद्धि और मैनेजबल पोर्टफोलियो के कारण यह सेक्टर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उधर बजाज कैपिटल के चेयरमैन और एमडी राजीव बजाज ने कहा कि क्रेडिट ग्रोथ 17 फीसदी बढ़ी है और कॉरपोरेट कैपेक्स, जो कि एक दशक के निचले स्तर पर था, धीरे-धीरे तेजी के संकेत दे रहा है। शुरुआती संकेत उत्साहजनक हैं।
आने वाले दो तीन वर्ष अहम
दरअसल, आने वाले 2-3 वर्षों में अर्थव्यवस्था में मजबूत सुधार के कयास लगाए जा रहे हैं। बीएफएसआई सेगमेंट को इसका सबसे अधिक लाभ होने की संभावना है। वे लंबे समय के बाद एक इनकम असेलेरेशन साइकिल में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए यह खंड एफपीआई के लिए पसंदीदा बने रहने की उम्मीद है।
किस क्षेत्र को कितनी मिला एफडीआई
नवंबर के अंत में वित्तीय सेवा क्षेत्र में कुल निवेश 16.13 लाख करोड़ रुपये था। वित्तीय सेवा शेयरों के बाद, फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) 3,956 करोड़ रुपये के शुद्ध निवेश के साथ दूसरे सबसे पसंदीदा क्षेत्र के रूप में उभरा। यह प्रवाह मुख्य रूप से खपत में स्थिरता से प्रेरित था। हाल के दिनों में कमोडिटी की कीमतों में तेजी से गिरावट आई है, जिससे एफएमसीजी कंपनियों के लिए इनपुट लागत कम हो सकती है।
एफएमसीजी क्षेत्र के बाद सूचना प्रौद्योगिकी (3,859 करोड़ रुपये), ऑटो (3,051 करोड़ रुपये) और तेल और गैस क्षेत्र (2,774 करोड़ रुपये) का स्थान रहा। उधर कंज्यूमर ड्यूरेबल्स ने नवंबर में एफपीआई द्वारा अधिकतम 1,275 करोड़ रुपये की बिक्री देखी। इसके अलावा, बिजली और दूरसंचार में 1,100 करोड़ रुपये और 1,084 करोड़ रुपये की बिक्री हुई।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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