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    FPI Data: अक्टूबर में विदेशी निवेशकों  की बिकवाली जारी, इक्विटी से 12,000 करोड़ रुपये निकाले

    By AgencyEdited By: Priyanka Kumari
    Updated: Sun, 22 Oct 2023 12:22 PM (IST)

    FPI Inflow विदेशी निवेशकों द्वारा शेयर मार्केट में लगातार शेयर बेच रहे हैं। वहीं एफपीआई द्वारा डेट मार्केट में निवेश किया जा रहा है। अक्टूबर में अभी तक विदेशी निवेशकों ने 12000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। एफपीआई फाइनेंस बिजली एफएमसीजी और आईटी के शेयरों की बिकवाली कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि किन वजह से विदेशी निवेशक शेयर बेच रहे हैं।

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    अक्टूबर में विदेशी निवेशकों  की बिकवाली जारी

    पीटीआई, नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली का दौर थमा नहीं है। अक्टूबर महीने में अब तक उन्होंने भारतीय इक्विटी से 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है। इसकी मुख्य वजह अमेरिकी बांड पैदावार में निरंतर वृद्धि और इजरायल-हमास संघर्ष है।

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    हालाँकि, भारतीय डेट मार्केट में एफपीआई द्वारा निवेश किया जा रहा है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि इस समीक्षाधीन अवधि तक उन्होंने डेट मार्केट से 5,700 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।

    मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर - मैनेजर रिसर्च, हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा

    वैश्विक मुद्रास्फीति और ब्याज दर की गतिशीलता ने विदेशी निवेशकों को प्रभावित किया है। इसके अलावा इजरायल-हमास संघर्ष के विकास और तीव्रता का भी असर एफपीआई पर पड़ा है। भू-राजनीतिक तनाव जोखिम बढ़ जाता है। इससे भारत में उभरते बाजारों में विदेशी पूंजी प्रवाह को नुकसान पहुंचाता है।

    डिपॉजिटरी के आंकड़े

    डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 20 अक्टूबर 2023 तक 12,146 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं, पिछले महीने सितंबर में एफपीआई ने 14,767 करोड़ रुपये निकाले थे।

    पिछले छह महीनों में यानी मार्च से अगस्त तक एफपीआई लगातार भारतीय इक्विटी खरीद रहे थे । उन्होंने  1.74 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे।

    जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा

    एफपीआई द्वारा निरंतर बिक्री की मुख्य वजह अमेरिकी बांड पैदावार में तेज वृद्धि थी। यह 19 अक्टूबर को 10 साल की उपज 17 साल के उच्चतम 5 प्रतिशत पर ले गई।

    वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि सोने और अमेरिकी डॉलर जैसी सुरक्षित-संपत्तियों पर ध्यान बढ़ाया जा सकता है।

    डेट मार्केट में जारी है निवेश

    भारतीय डेट मार्केट में एफपीआई ने 5,700 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसके लिए कई कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। यह निवेश भारतीय बांड को अच्छी पैदावार दे रहे हैं और रुपया मजबूत है। भारत के स्थिर मैक्रोज़ को देखते हुए स्थिर रहने की उम्मीद है। वहीं, दूसरा कारक जेपी मॉर्गन ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में भारत का शामिल होना है।

    इस साल अब तक इक्विटी में एफपीआई का कुल निवेश 1.08 लाख करोड़ रुपये और डेट बाजार में 35,000 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है।

    अगर सेक्टर की बात करें तो एफपीआई फाइनेंस, बिजली, एफएमसीजी और आईटी जैसे सेक्टर में बिकवाली कर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ ऑटोमोबाइल और पूंजीगत वस्तुओं में खरीदारी कम रही। एफपीआई दूरसंचार में खरीदार कर रहे हैं।

     

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