सेमीकंडक्टर सेक्टर में बड़ा कदम, चार नई परियोजनाओं को मिली मंजूरी; इन राज्यों में होगा ₹4594 करोड़ निवेश
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ओडिशा आंध्र प्रदेश और पंजाब में 4594 करोड़ रुपये के निवेश से चार नई परियोजनाओं को मंजूरी दी है। पहले से स्वीकृत छह परियोजनाओं के अतिरिक्त इन नई परियोजनाओं से भारत के सेमीकंडक्टर निर्माण क्षमता को और मजबूती मिलेगी। सरकार इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चार नई सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि चार नई सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। जैसा कि पहले ही 6 परियोजनाएं पहले ही स्वीकृत हैं और आज इसमें चार नई परियोजनाएं जोड़ी गई हैं। ये ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पंजाब में हैं। इन पर 4,594 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
सरकार ने कहा कि SiCSem, कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया (CDIL), 3D ग्लास सॉल्यूशंस और एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज (ASIP) टेक्नोलॉजीज की परियोजनाओं से अनुमानित 2,034 स्किल बेस्ड नौकरियां और कई अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी।
#WATCH | Union Cabinet decisions | Union Minister Ashwini Vaishnaw says, "Four new semiconductor projects have been approved. You know that six projects are already approved and four new ones have been added to it today. These are in Odisha, Andhra Pradesh and Punjab, at an… pic.twitter.com/aDw9WLoK5N
— ANI (@ANI) August 12, 2025
इसके साथ, मिशन के अंतर्गत परियोजनाओं की कुल संख्या बढ़कर 10 हो गई है, जो छह राज्यों में लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपये के निवेश को दिखाती है।
SiCSem और 3D ग्लास ओडिशा में अपनी सुविधाएँ स्थापित करेंगे, CDIL पंजाब में विस्तार करेगा और ASIP आंध्र प्रदेश में निर्माण करेगा।
SiCSem, ब्रिटेन स्थित Clas-SiC वेफर फैब के साथ मिलकर भारत का पहला कॉमर्शियल कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब बनाएगा। 3डी ग्लास सॉल्यूशंस एक आधुनिक पैकेजिंग और एम्बेडेड ग्लास सब्सट्रेट प्लांट का निर्माण करेगा, जबकि एएसआईपी दक्षिण कोरिया की एपीएसीटी के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर पैकेज तैयार करेगा। सीडीआईएल के विस्तार से हाई पावर वाले उपकरणों का उत्पादन करेगा।
सरकार ने कहा कि ये परियोजनाएं दूरसंचार, ऑटोमोटिव, डेटा सेंटर, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ती मांग को समर्थन देंगी, जिससे उसके "आत्मनिर्भर भारत" अभियान को बढ़ावा मिलेगा।
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