Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    NPA की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते बैंक: सी रंगराजन

    By Surbhi JainEdited By:
    Updated: Tue, 07 Feb 2017 12:53 PM (IST)

    आरबीआई के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने कहा कि बैंक एनपीए को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते

    NPA की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते बैंक: सी रंगराजन

    नई दिल्ली। सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने कहा कि बैंक एनपीए (गैर निष्पादित आस्तियों) यानी फंसे कर्ज को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नई करेंसी पूरी तरह प्रणाली में आने के बाद हालांकि, नोटबंदी का प्रतिकूल प्रभाव खत्म हो जाएगा, लेकिन कुछ असर ऐसे भी होंगे जो दूर नहीं हो सकते। रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों को अपने कारोबारी मॉडल पर नए सिरे से विचार करना होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्व आरबीआई गवर्नर सी रंगराजन ने यह भी कहा, ‘निश्चित रूप से बैंकिंग सिस्टम दवाब में है। इस समस्या का निदान सिर्फ पूंजीकरण के जरिये ही किया जा सकता है। इस बात को जरूर ध्यान में रखें कि पुरानी बेसिल-I सिस्टम में भी जोखिम वाली संपत्तियों के आठ फीसद तक पूंजी का प्रावधान रखा गया था। ऐसे में 10 हजार करोड़ रुपये की पूंजी की तुलना एक या दो लाख करोड़ रुपये से नहीं होनी चाहिए।’

    वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान बैंकों में 10 हजार करोड़ रुपये की पूंजी राशि डालने का प्रस्ताव किया गया है। रंगराजन ने कहा कि उपलब्ध कराई जा रही पूंजी पर्याप्त नहीं है। ‘मुझे लगता है कि इससे बैंक अपने संपत्ति पोर्टफोलियो में डूबे कर्ज की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं।’

    सी रंगराजन ने कहा कि सबसे अच्छा कदम यह होगा कि वे जितना ज्यादा हो सके उतने एनपीए की वसूली करें। इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के आम बजट 2017 के भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया में पीएम मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व चेयरमैन रंगराजन ने कहा था कि बजट की मंशा सही है। मंशा की तरह कार्रवाई भी होनी चाहिए।

    रंगराजन ने कहा कि बजट में राजस्व अनुमान बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी नहीं है ऐसे में यह प्राप्त हो जाएगा।