यूपी, हरियाणा जैसे बिना समुद्र तट वाले राज्यों से निर्यात बढ़ाने की कोशिश, इनके लिए टारगेटेड स्कीम लाएगी सरकार
UP and Haryana export boost: गुरुवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ ट्रेड की बैठक हुई। इस बैठक में गोयल ने कहा कि समुद्र तट से दूर राज्यों की निर्यात क्षमता बढ़ाने के लिए टारगेटेड स्कीम लाई जाएगी। यह बैठक ऐसे समय हुई है जब अक्टूबर में भारत का निर्यात 11.8 प्रतिशत गिर गया।

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत केंद्र-राज्य साझीदारी का सुझाव
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि हाल ही में मंजूर हुए 25,060 करोड़ रुपये के एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन में टारगेटेड स्कीमें शामिल की जाएंगी, ताकि लैंडलॉक्ड (बिना समुद्र तट वाले) राज्यों को निर्यात के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने (export promotion for landlocked states) में मदद मिल सके। उन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत केंद्र-राज्य साझीदारी का भी सुझाव दिया।
गोयल मंगलवार को चौथी बोर्ड ऑफ ट्रेड (BoT) बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस बोर्ड को वर्ष 2019 में पुनर्गठित किया गया। यह बोर्ड विदेश व्यापार से जुड़े नीतिगत उपायों पर एक शीर्ष एडवाइजरी बॉडी के तौर पर काम करता है। उन्होंने कहा कि राज्यों से मिले इनपुट के आधार पर मंत्रालय उभरती चुनौतियों के असरदार और समय पर समाधान के लिए संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेगा।
एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन को इसी माह मंजूरी
व्यापार के मोर्चे पर वैश्विक अनिश्चितताओं को दूर करने के लिए सरकार ने 12 नवंबर को एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (export mission) को मंजूरी दी। इसके तहत छह साल के लिए 25,060 करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान किया गया है। मिशन को दो उप-स्कीम- निर्यात प्रोत्साहन (10,401 करोड़ रुपये) और निर्यात दिशा (14,659 करोड़ रुपये) के जरिए लागू किया जाएगा। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड और तेलंगाना लैंडलॉक्ड राज्यों में से हैं।
गोयल ने कहा कि भारत की निर्यात रणनीति अब नए बाजारों तक पहुंचने, लॉजिस्टिक्स में सुधार, MSME को मजबूत बनाने और टेक्नोलॉजी अपनाने पर फोकस करती है। ये कदम ग्लोबल वैल्यू चेन के साथ जुड़ाव को मजबूत करने और भारत को प्रतिस्पर्धी एवं भरोसेमंद ट्रेडिंग पार्टनर साबित करने के लिए जरूरी हैं। उन्होंने राज्यों से अपने सफल मॉडल और बेस्ट प्रैक्टिस को साझा करने की भी अपील की, खासकर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम जैसे मामलों में।
ट्रेड से जुड़ी समस्याओं के समाधान में तेजी
BoT मीटिंग में वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने ट्रेड के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने, ट्रेड से जुड़ी समस्याओं का तेजी से समाधान करने और निर्यात में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए इंटर-एजेंसी कोऑर्डिनेशन में मंत्रालय की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। बैठक में अलग-अलग राज्य सरकारों के मंत्री, केंद्र और राज्यों के अधिकारी, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, इंडस्ट्री एसोसिएशन और बड़ी संख्या में एक्सपोर्टर और ट्रेड एक्सपर्ट शामिल हुए।
गौरतलब है कि अमेरिका में ऊंचे टैरिफ के कारण अक्टूबर में देश का निर्यात 11.8 प्रतिशत गिरकर 34.38 अरब डॉलर रह गया। व्यापार घाटा बढ़कर 41.68 अरब डॉलर पहुंच गया। इसकी मुख्य वजह सोना-चांदी के आयात में उछाल था। मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान एक्सपोर्ट 0.63 प्रतिशत बढ़कर 254.25 अरब डॉलर रहा जबकि आयात 6.37 प्रतिशत बढ़कर 451.08 अरब डॉलर हो गया।

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