FMCG Market in India: कंज्यूमर गुड्स बाजार में किसका होगा दबदबा; अदानी या अंबानी, कौन जीतेगा यह रेस
FMCG कारोबार में रिलायंस रिटेल की इंट्री के बाद रिटेल कंज्यूमर गुड्स मार्केट में अच्छी प्रतियोगिता देखने को मिल सकती है। इस कारोबार में अपनी पैठ बना चुके अदानी विल्मर के लिए यह एक बड़ा चैलेंज हो सकता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अदानी समूह और अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज, दोनों भारत के फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) उद्योग के एक बड़े हिस्से पर काबिज होने की कोशिशों में जुट गए हैं। लगभग 400 बिलियन डॉलर का यह बाजार दोनों कंपनियों की प्राथमिकता सूची में बना हुआ है।
गौतम अडानी के स्वामित्व वाली अडानी विल्मर (Adani Wilmar) इस बाजार में पहले से मौजूद है, जबकि रिलायंस (Reliance Industries) नव-प्रवेशी है। पिछले दिनों एजीएम में रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) के बैनर तले कंपनी ने इस बाजार में उतरने का ऐलान किया था। इस ऐलान के बाद अदानी समूह फूड बिजनेस से जुड़ी छोटी स्थानीय और विदेशी कंपनियों के अधिग्रहण की योजना में तेजी लाने की कोशिश कर रहा है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा उपभोक्ता वस्तुओं का व्यवसाय शुरू करने की योजना के ऐलान के बाद एशिया के सबसे अमीर आदमी गौतम अदानी (Gautam Adani) के लिए अपने साम्राज्य को बढ़ाना एक बड़ी चुनौती होगी।
अदानी विल्मर का बढ़ता कारोबार
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अदानी विल्मर उपभोक्ता वस्तुओं की नई-नई वैरायटी और ग्राहकों तक पहुंच बढ़ाने के लिए रणनीति बना रही है। कंपनी खाद्य पदार्थों और वितरण कंपनियों के नए ब्रांड्स को अपने साथ जोड़ने पर विचार कर रही है। कंपनी ने इसके लिए अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) से 5 अरब रुपये (62.9 मिलियन डॉलर) खर्च करने की योजना बना रही है।
बाकी धन की व्यवस्था कंपनी आंतरिक स्रोतों से कर रही है। फरवरी में 486 मिलियन डॉलर से शुरुआत के बाद से अदानी विल्मर के शेयर तीन गुना से अधिक हो गए हैं।
कंज्यूमर गुड्स मार्केट में पैर पसारने की कोशिश
अदानी विल्मर ने हाल ही में मैककॉर्मिक स्विटजरलैंड से कोहिनूर कुकिंग ब्रांड सहित कई अन्य ब्रांड हासिल किए हैं। इस अधिग्रहण से अदानी विल्मर को कोहिनूर के बासमती चावल, रेडी-टू-कुक, रेडी-टू-ईट करी फूड बिजनेस का कारोबार हासिल हो गया है। अदानी समूह ने पिछले एक साल में करीब 17 अरब डॉलर मूल्य की करीब 32 कंपनियों को खरीदा है। इनमें से कई कंपनियां अदानी ग्रुप का कोर समझे जाने वाले कोयले और बुनियादी ढांचे के दायरे से बाहर हैं।
रिलायंस रिटेल के आने से क्या होंगे बदलाव
रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने अगस्त में तेजी से बढ़ते उपभोक्ता सामान या एफएमसीजी व्यवसाय में इंट्री का ऐलान किया। कंपनी का उद्देश्य सस्ती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को विकसित करना और उनका डिस्ट्रीब्यूशन करना है। रिलांयस के पास जियो मार्ट और रिलायंस स्मार्ट के आउटलेट्स की लंबी चेन है। कंपनी ऑनलाइन ग्रॉसरी और फूड डिलीवरी के कारोबार में भी अग्रणी है। इसको देखते हुए यह कहा जा सकता है कि कंपनी के पैर पसारने की संभावनाएं अच्छी-खासी हैं।
रिलायंस अग्रेसिव मार्केटिंग के लिए जानी जाती है। अदानी विल्मर के लिए इस स्ट्रेटेजी से निपटना एक बड़ी चुनौती होगी। चुनौतियां रिलायंस के लिए भी कम नहीं हैं। आनाज, तेल और मसालों के कारोबार में अदानी विल्मर के उत्पाद अपनी पैठ बना चुके हैं। उपभोक्ताओं के मन में उनके प्रति एक भरोसा कायम हो गया है। ऐसे में रिलायंस अपने उत्पादों के दम पर बाजार में कितना पैठ किए बनाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।