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    कांग्रेस शासन में संसाधनों का हुआ दुरुपयोग, NCLT का आदेश सही: निर्मला सीतारमण

    By NiteshEdited By:
    Updated: Wed, 19 Jan 2022 09:47 AM (IST)

    निर्मला सीतारमण महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अंतरिक्ष देवास को लेकर आया। इसके पहले NCLT ने लिक्विडेशन का आदेश जारी किया था। देवास ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उसने NCLT के आदेश को सही ठहराया।

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    FM Sitharaman to hold press conference on important economic issue file photo

    नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 'महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दे' पर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश अंतरिक्ष देवास को लेकर आया। इसके पहले NCLT ने लिक्विडेशन का आदेश जारी किया था। देवास ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उसने NCLT के आदेश को सही ठहराया। कांग्रेस शासन में संसाधनों का दुरुपयोग किया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि जब 2005 में यह सौदा हुआ था, तब यूपीए की सरकार थी।

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    सीतारमण ने कहा कि तत्कालीन टेलीकॉम मंत्री कपिल सिब्बल ने इस पर प्रेस कॉन्फ्रेस की थी, कपिल सिब्बल ने मामले पर कैबिनेट नोट तक का जिक्र नहीं किया था। इसे कैंसल करने में यूपीए सरकार को 6 साल लगे। मामला इतना बढ़ गया था कि एक सेंट्रल मिनिस्टर को गिरफ्तार तक किया गया।

    उन्होंने कहा कि 24 फरवरी 2011 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि एंट्रिक्स और देवास डील को मंजूरी देने के लिए PMO की जरूरत ही नहीं पड़ी। केवल दो सैटेलाइट को लॉन्च करने की बात कैबिनेट के संज्ञान में लाई गई थी। सौदा असल में एक फ्रॉड था। मोदी सरकार ने अदालत में इस फ्रॉड के खिलाफ लड़ाई की है। यह डील देश और देश के लोगों के साथ धोखा थी।

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश में है कि देवास भारत में 579 करोड़ रुपये लेकर आई थी लेकिन इसमें से 85% राशि भारत से बाहर भेजी गई। इसमें कुछ हिस्सा अमेरिका में कुछ सब्सिडियरी बनाने के लिए भेजा गया। कुछ हिस्सा सर्विस और सपोर्ट के लिए भेजा गया। कुछ हिस्सा कानूनी लड़ाई में खर्च किया गया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भारत सरकार का मजबूत पक्ष रखेगी। इस फैसले के आधार पर इंटरनेशनल फोरम पर पक्ष रखेंगे। उन्होंने राहुल गांधी पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या राहुल गांधी ने इसके बारे में कभी कांग्रेस में चर्चा की है, क्या उन्होंने कभी कोई सवाल पूछा, इतना बड़ा फ्रॉड कांग्रेस सरकार में हुआ।

    बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर की गंभीर होती चुनौती और पांच राज्यों के चुनावों की सियासी सरगर्मी के बीच संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा और आठ अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान वर्ष 2022-23 का आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद के संयुक्त अभिभाषण के साथ शुरू होने वाले बजट सत्र के दो चरण होंगे। पांच राज्यों के चुनाव में राजनीतिक नेताओं और पार्टियों की व्यस्तता के मद्देनजर बजट सत्र का पहला चरण केवल 12 दिनों तक 31 जनवरी से 11 फरवरी तक ही चलेगा।