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    स्किल और स्केल का संगम: एमएसएमई की सफलता को गति देने में फ्लिपकार्ट की भूमिका

    Updated: Fri, 27 Jun 2025 07:39 PM (IST)

    नकदी आधारित और अनौपचारिक परिचालन से लेकर आज डिजिटल तकनीक अपनाने और ई-कॉमर्स का उपयोग करने तक का यह बदलाव भारत के एमएसएमई परिदृश्य में एक बुनियादी परिवर्तन को दर्शाता है।

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    ब्रांड डेस्क। भारत के विकास की कहानी यहां के एमएसएमई की ताकत और उनकी तरक्की से जुड़ी हुई है। इस सेक्टर में 25 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है और देश के ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) में इस सेक्टर का अनुमानित योगदान 30.1 प्रतिशत है। एमएसएमई पूरे भारत के लिए न केवल आर्थिक आधार हैं, बल्कि जमीनी स्तर पर स्थानीय पहचान, परंपरा एवं उद्यमिता के संरक्षक भी हैं। आज, दूर-दराज तक सस्ते इंटरनेट, रियल-टाइम पेमेंट एवं क्लाउड-बेस्ड सेवाओं के पहुंचने और स्मार्ट लॉजिस्टिक सहित ई-कॉमर्स एवं डिजिटल बुनियादी ढांचे के देशव्यापी विस्तार से इन उद्यमों के संचालन के तरीके में आधारभूत बदलाव आया है।

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    भारत में उद्यमिता की एक नई लहर चल रही है, जिसे सरकारी सुधारों, प्राइवेट इनोवेशन और ई-कॉमर्स ने बढ़ावा दिया है। सस्ते स्मार्टफोन, व्यापक मोबाइल डेटा और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) जैसे प्लेटफॉर्म ने लाखों लोगों के लिए डिजिटल लेनदेन को सुगम बनाया है, जिससे डिजिटल इकोनॉमी में छोटे से छोटे व्यवसायों को भी फायदा मिल रहा है। इस बदलाव का लाभ उठाकर एमएसएमई डिजिटल भुगतान को अपना रहे हैं, ऑनलाइन इन्वेंट्री का प्रबंधन कर रहे हैं और दूर-दूर तक के ग्राहकों से जुड़ रहे हैं। 

    ई-कॉमर्स: एमएसएमई सेक्टर में बदलाव की प्रेरक शक्ति 

    एमएसएमई के विकास में ई-कॉमर्स एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफॉर्म ने न केवल छोटे व्यवसायों को बड़े बाजारों से जोड़ा है, बल्कि कैटलॉगिंग, प्रोडक्ट फोटोग्राफी, सप्लाई चेन मैनेजमेंट और टारगेटेड विज्ञापन जैसी आवश्यक डिजिटल सेवाओं को एमएसएमई के लिए सुलभ भी बना दिया है।

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    कई उद्यमियों, खास तौर पर पहली पीढ़ी के उद्यमियों के लिए, फ्लिपकार्ट के इकोसिस्टम ने उनकी महत्वाकांक्षाओं को फलते-फूलते व्यवसायों में बदलने का काम किया है। इससे सामाजिक स्तर पर स्पष्ट  बदलाव देखने को मिला है। लोगों को रोजगार मिला है और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। फ्लिपकार्ट ने इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए पूर्वोत्तर हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास निगम, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल सहित विभिन्न सरकारी निकायों से भी हाथ मिलाया है।

    ई-कॉमर्स: एमएसएमई सेक्टर में बदलाव की प्रेरक शक्ति 

    एमएसएमई के विकास में ई-कॉमर्स एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफॉर्म ने न केवल छोटे व्यवसायों को बड़े बाजारों से जोड़ा है, बल्कि कैटलॉगिंग, प्रोडक्ट फोटोग्राफी, सप्लाई चेन मैनेजमेंट और टारगेटेड विज्ञापन जैसी आवश्यक डिजिटल सेवाओं को एमएसएमई के लिए सुलभ भी बना दिया है।

    कई उद्यमियों, खास तौर पर पहली पीढ़ी के उद्यमियों के लिए, फ्लिपकार्ट के इकोसिस्टम ने उनकी महत्वाकांक्षाओं को फलते-फूलते व्यवसायों में बदलने का काम किया है। इससे सामाजिक स्तर पर स्पष्ट  बदलाव देखने को मिला है। लोगों को रोजगार मिला है और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। फ्लिपकार्ट ने इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए पूर्वोत्तर हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास निगम, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल सहित विभिन्न सरकारी निकायों से भी हाथ मिलाया है।

    जीने के तरीके और आजीविका में बहुत बड़ा बदलाव आया है। कई शहरों में महिला उद्यमी अपने छोटे उद्यमों की कमान संभाल रही हैं, जो देशभर के ग्राहकों को हस्तशिल्प, वस्त्र एवं कृषि-उत्पाद बेच रही हैं। इनके अलावा, हर साल फ्लिपकार्ट भारत के ग्रामीण इलाकों में कार्यशालाएं आयोजित करता है, जहां ग्रामीण महिला उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों और सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों की मदद की जाती है। ई-इनवॉइसिंग से लेकर डिजिटल पेमेंट तक डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर ने उन्हें अपने उद्यम को औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाने, लोन के लिए वित्तीय संस्थाओं तक पहुंचने और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने में सक्षम बनाया है।

    नीतियों से बनता है बेहतर माहौल

    इस सकारात्मक बदलाव को उचित नीतियों के माध्यम से बढ़ावा दिया जा रहा है। केंद्रीय बजट 2025-26 में एमएसएमई क्लासिफिकेशन सीमा बढ़ाने की घोषणा से अब ज्यादा से ज्यादा उद्यम विस्तार करने और फॉर्मलाइजेशन के लिए सरकार से मिलने वाले प्रोत्साहनों का लाभ उठा सकते हैं।

    राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के साथ रणनीतिक गठजोड़ के माध्यम से फ्लिपकार्ट ने जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गोवा समेत देश के विभिन्न हिस्सों में ओरिएंटेशन एवं ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए हैं। ऐसे प्रोग्राम ग्रामीण महिलाओं, कारीगरों और सूक्ष्म उद्यमियों को आवश्यक डिजिटल कौशल और मार्केटप्लेस तक पहुंच प्रदान करते हैं। इससे फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से हो रही डिजिटल तरक्की को तेजी देने में मदद मिलती है।

    2019 से फ्लिपकार्ट समर्थ पूरे भारत में अपना प्रभाव स्थापित कर रहा है। इसने 18 लाख लोगों के जीवन को प्रभावित किया है, हजारों स्थानीय विक्रेताओं को सशक्त बनाया है और 100 से ज्यादा पारंपरिक कलाओं को संरक्षित करने में मदद की है। इसके अलावा कैटलॉगिंग और बाजार तक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए फ्लिपकार्ट ने विक्रेताओं की लगातार सहायता की है। इससे ऑर्डर बढ़े हैं और राष्ट्रीय स्तर पर उनकी विजिबिलिटी भी बढ़ी है। इसने कारीगरों को प्रेरित किया है और ब्रांड को आगे बढ़ाने में मदद की है। एआई, सप्लाई चेन इनोवेशन और सटीक जानकारी का लाभ उठाकर फ्लिपकार्ट भारत के डिजिटल कॉमर्स के भविष्य को आकार दे रहा है और एमएसएमई को प्रभावी तरीके से विकास करने में मदद कर रहा है। फ्लिपकार्ट की व्यापक पहुंच से इन उद्यमियों के उत्पाद अब महानगरों एवं टियर-1 शहरों के ग्राहकों तक पहुंच रहे हैं, जिससे उनके ब्रांड को पहचान मिल रही है और उनकी आय में वृद्धि हो रही है। फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म एमएसएमई को बड़े सपने देखने, बेहतर तरीके से काम करने और भारत के डिजिटल भविष्य में पूरी सक्रियता से हिस्सा लेने के लिए तैयार कर रहे हैं।

    (नोट- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।)

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