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    चिदंबरम ने चोरों को लिखा पत्र, अब तो दे दो टैक्स

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    Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

    अप्रत्यक्ष कर चुकाने में गड़बड़ी कर रहे लोगों को वित्त मंत्रालय की तरफ से पत्र भेजा गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि मंत्रालय सेवा कर, कस्टम और उत्पाद कर ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। अप्रत्यक्ष कर चुकाने में गड़बड़ी कर रहे लोगों को वित्त मंत्रालय की तरफ से पत्र भेजा गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि मंत्रालय सेवा कर, कस्टम और उत्पाद कर डिफॉल्टरों से अनुरोध कर रहा है कि वे अपना भुगतान करें। अधिकारियों ने बताया कि मंत्रलय के अधीन केंद्रीय उत्पाद खुफिया महानिदेशालय (डीजीसीईआइ), राजस्व खुफिया महानिदेशालय (डीजीआरआइ), सेवा कर कमिश्नर और केंद्रीय उत्पाद कर के जरिये इन पत्रों को भेजा जा रहा है।

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    डीजीसीईआइ ने सेवा कर और उत्पाद कर डिफॉल्टरों को पत्र भेजा है जबकि डीजीआरआइ ने सीमा शुल्क नहीं भर रहे लोगों को निशाना बनाया है। कंपनियों और लोगों को संबोधित इन पत्रों में उनके संदिग्ध वित्तीय लेन-देन और टैक्स न भरने पर सफाई मांगी गई है। खुफिया वित्तीय एजेंसियां इसे काला धन मान रही हैं। अभी यह पता नहीं लग पाया कि कितने पत्र जारी किए गए हैं। आयकर विभाग प्रत्यक्ष कर नहीं चुका रहे लोगों को पत्र भेज रहा है। लगभग 12 लाख लोगों द्वारा सेवा कर रिटर्न भरना बंद करने के बाद वित्त मंत्रलय ने यह फैसला लिया है।

    अधिकारियों ने बताया कि पत्र भेजकर ऐसे लोगों की समस्याएं जानने की कोशिश की गई है। इससे प्रशासनिक दिक्कतें दूर होंगी और लोगों को भरोसा टैक्स प्राधिकरणों में बढ़ेगा। जिन लोगों को पत्र भेजा गया है, उन्हें बुलाया नहीं जाएगा। वे पत्र भेजकर अपनी दिक्कतें हमें बता सकते हैं। वित्तीय खुफिया यूनिट (एफआइयू) की संदिग्ध लेन-देन रिपोर्ट (एसटीआर) के आधार पर चिदंबरम ने पत्र भेजने का विचार दिया था। एसटीआर में कहा गया था कि 10 लाख से ज्यादा का लेन-देन अपराध या काला धन हो सकता है। वित्त मंत्रलय को लगता है कि पत्र मिलने के बाद लोग टैक्स चुकाने के लिए खुद ही आगे आएंगे।

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