केन्द्र सरकार RBI की स्वतंत्रता और स्वायत्तता का सम्मान करती है- वित्त मंत्री
आरबीआई यूनियंस के आरोपों को खारिज करते हुए वित्त मंत्रालय ने शनिवार को सफाई जारी की है
नई दिल्ली, जेएनएन: आरबीआई यूनियंस के आरोपों को खारिज करते हुए वित्त मंत्रालय ने शनिवार को सफाई जारी की है। सरकार ने अपने एक बयान में कहा कि वह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की स्वतंत्रता (इंडिपेंडेंस) और स्वायतता (ऑटोनॉमी) का सम्मान करती है। गौरतलब है कि आरबीआई यूनियंस ने भारतीय रिजर्व बैंक के कामकाज में सरकार के दखल का आरोप लगाया था।
सरकार ने क्या दिया जवाब:
सरकार ने अपनी सफाई में कहा, ‘जब भी जरूरी होता है सरकार और आरबीआई के बीच सार्वजनिक महत्व के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होती है। ऐसा नियमों के अंतर्गत किया जाता है। कंसल्टेशन की एक पुरानी प्रक्रिया है, जो पहल से अभ्यास में है। इसे ऑटोनॉमी का उल्लंघन नहीं समझा जाना चाहिए।’
आरबीआई यूनियंस ने जताया था एतराज:
दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक के कर्मचारियों ने नोटबंदी के दौरान बैंक में काम-काज में सरकार के सीधे दखल को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद ही वित्त मंत्रालय को अपनी तरफ से सफाई जारी करनी पड़ी है।
पढ़ें- नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस की 'जन वेदना' पार्ट- 2, RBI का घेराव करेंगे कार्यकर्ता
आरबीआई यूनियंस ने उर्जित पटेल को लिखा था लेटर:
यूनाइटेड फॉरम ऑफ रिजर्व बैंक ऑफिसर्स एंड इम्प्लॉइज ने गवर्नर उर्जित पटेल को लेटर लिखकर कहा था कि नोटबंदी के दौरान फैली अव्यवस्था के कारण वो अपमानित महसूस कर रहे हैं। कर्मचारियों ने अपनी तरफ से किए जा रहे करंसी को-ऑर्डिनेशन में सरकार के दखल देने के खिलाफ नाराजगी जताई और कहा कि इससे उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ी। कर्मचारियों ने गवर्नर को लिखे लेटर में लिखा कि नोटबंदी के दौरान आरबीआई को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करना मुश्किल है।
उन्होंने सरकार की तरफ से एक सीनियर फाइनेंस मिनिस्टर को करंसी कोऑर्डिनेशन पर नजर रखने के लिए नियुक्त किए जाने का भी विरोध किया और कहा कि यह साफ तौर पर अतिक्रमण था। लेटर में कहा गया है कि आरबीआई ने खुद के दक्ष होने की और हर तरफ से स्वतंत्र रहने की जो छवि बनाई थी, वह पलभर में मिट्टी में मिल गई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।