Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'सभी वैश्विक एजेंसियों को भारत की विकास दर पर भरोसा', वित्त मंत्रालय ने जीएसटी में राहत को लेकर कही ये बात

    Updated: Sat, 24 May 2025 02:00 AM (IST)

    वित्त मंत्रालय का मानना है कि तमाम चुनौतियों के बावजूद सभी वैश्विक एजेंसियों को भारत की विकास दर पर भरोसा है तभी किसी भी एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की विकास दर में कोई अहम बदलाव नहीं किया है। विश्व बैंक आईएमएफ मूडीज जैसी सभी एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर छह प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान लगाया है।

    Hero Image
    सभी वैश्विक एजेंसियों को भारत की विकास दर पर भरोसा- वित्त मंत्रालय (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय का मानना है कि तमाम चुनौतियों के बावजूद सभी वैश्विक एजेंसियों को भारत की विकास दर पर भरोसा है, तभी किसी भी एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की विकास दर में कोई अहम बदलाव नहीं किया है। विश्व बैंक, आईएमएफ, मूडीज जैसी सभी एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर छह प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान लगाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घरेलू मांग भी फिलहाल मजबूत

    वित्त मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि इस बार बेहतर मानसून का अनुमान है और ऐसा रहा तो यह वित्त वर्ष विकास दर के लिहाज से अच्छा वर्ष साबित हो सकता है। मंत्रालय का मानना है कि घरेलू मांग भी फिलहाल मजबूत दिख रही है जिससे अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी।

    मई आखिर में चौथी तिमाही की विकास दर जारी की जाएगी

    आईएमएफ ने गत वित्त वर्ष 2024-25 और चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की विकास दर 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। वहीं अन्य एजेंसियों का विकास दर का यह अनुमान 6.3 से 6.5 प्रतिशत के बीच है। बार्कलेज ने गत वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (इस साल जनवरी-मार्च) के बीच जीडीपी विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। मई आखिर में सरकार की तरफ से गत वित्त वर्ष की चौथी तिमाही की विकास दर जारी की जाएगी।

    जीएसटी में राहत के लिए भी करना होगा इंतजार

    जीएसटी की दरों में राहत को लेकर लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। वर्ष 2025 में अब तक एक बार भी जीएसटी काउंसिल की बैठक नहीं बुलाई गई है और वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल की बैठक में अभी तीन सप्ताह और लग सकते हैं।

    चलन के मुताबिक प्रति तिमाही कम से कम एक बार जीएसटी काउंसिल की बैठक होनी चाहिए। गत बैठक पिछले साल दिसंबर में हुई थी। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि फरवरी में बजट पेश होने के बाद मार्च तक संसद का बजट सत्र चला। उसके बाद पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर हो गया। इन वजहों से काउंसिल की बैठक नहीं बुलाई जा सकी।

    जीएसटी दरों में नहीं होंगे बदलाव

    वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल की बैठक में दरों को तार्किक बनाने, स्लैब में बदलाव, क्षतिपूर्ति की नई व्यवस्था जैसे मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। लेकिन आगामी बैठक में भी जीएसटी दरों में बदलाव को लेकर फैसले की उम्मीद नहीं है।

    स्वास्थ्य व जीवन बीमा के प्रीमियम पर दी जा सकती है राहत

    सूत्रों के मुताबिक आगामी बैठक में स्वास्थ्य व जीवन बीमा के प्रीमियम पर लगने वाले 18 प्रतिशत के जीएसटी में राहत दी जा सकती है क्योंकि पिछले तीन बैठकों से इस मसले पर चर्चा तो की गई, लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया।