कैबिनेट ने Bad Bank के लिए सरकारी गारंटी के प्रस्ताव को दी मंजूरीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नेशनल एसेट कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी किए जाने वाले प्रतिभूति रसीद को सपोर्ट करने के लिए 30600 करोड़ रुपये की केंद्र सरकार की गारंटी को अपनी मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नेशनल एसेट कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी किए जाने वाले प्रतिभूति रसीद को सपोर्ट करने के लिए 30,600 करोड़ रुपये की केंद्र सरकार की गारंटी को अपनी मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने साथ ही जानकारी दी, ''नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के साथ-साथ हम इंडिया डेट रिजॉल्यूशन कंपनी लिमिटेड की भी स्थापना कर रहे हैं। NARCL में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) की हिस्सेदारी 51 फीसद होगी। वहीं, पब्लिक फाइनेंशियल इंस्टीयुशन्स की हिस्सेदारी 49 फीसद होगी।''
The Union Cabinet yesterday approved Central Government guarantee up to Rs 30,600 crores to back Security Receipts to be issued by National Asset Reconstruction Company Limited: Finance Minister Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/Sw12kZ7QaV
— ANI (@ANI) September 16, 2021
15% cash payment will be made to banks for NPAs based on some valuation, 85% will be given as Security Receipts. For Security Receipts to have their value intact, Govt has to give a backstop arrangement, hence the govt guarantee of Rs. 30,600cr cleared by Union Cabinet: FM— ANI (@ANI) September 16, 2021
उन्होंने कहा, ''2018 में 21 पब्लिक सेक्टर बैंकों में से केवल दो लाभ हासिल करने की स्थिति में थे। लेकिन 2021 में केवल दो बैंकों ने घाटे की सूचना दी।''
वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ मूल्यांकन के आधार पर NPAs के लिए बैंकों को 15 फीसद कैश भुगतान किया जाएगा, वहीं 85% के लिए प्रतिभूति रसीद दिए जाएंगे। प्रतिभूति रसीद के मूल्य को बनाए रखने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने 30,600 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी को मंजूरी दी है।
अगर घाटा एक सीमा से ज्यादा होता है तो सरकारी गारंटी खत्म हो जाएगी।
वित्त मंत्री ने इस फैसले के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि बैंकों ने पिछले छह वर्षों में 5.01 लाख करोड़ रुपये के बकाया लोन की रिकवरी की है। इनमें से 3.1 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी मार्च, 2018 से अब तक हुई है।