Finance Bill 2023 में संशोधन के बाद ऐसे उठाएं लॉन्ग टर्म डेट म्यूचुअल फंड पर Indexation का लाभ, जानिए डिटेल्स
Finance Bill 2023 एक अप्रैल के बाद लॉन्ग टर्म डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर आपको Indexation का लाभ नहीं मिलेगा। फिर भी एक निश्चित तारीख इसका लाभ उठा सकते हैं। आइए जानते हैं। (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। फाइनेंस बिल 2023 में हुए संशोधन में लॉन्ग टर्म डेट म्यूचुअल फंड (long-term debt mutual funds) को टैक्स छूट के दायरे से बाहर कर दिया गया है। साथ ही इस पर इंडेक्सेशन (Indexation) के साथ 20 टैक्स और बिना इंडेक्सेशन के 10 प्रतिशत टैक्स जैसे लाभ समाप्त हो गए हैं।
अब एक अप्रैल के बाद से लॉन्ग टर्म डेट म्यूचुअल फंड के निवेशकों को अपने इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स का भुगतान करना होगा। ऐसे में अगर आप सबसे अधिक दर वाले टैक्स स्लैब में आते हैं, तो लॉन्ग टर्म डेट म्यूचुअल फंड पर हुए लाभ पर आपको 35.8 प्रतिशत (सरचार्ज और सेस को मिलाकर) टैक्स का भुगतान करना होगा।
ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या 31 मार्च से पहले लॉन्ग टर्म डेट म्यूचुअल फंड में निवेश कर इंडेक्सेशन का फायदा लिया जा सकता है।
लॉन्ग टर्म डेट म्यूचुअल फंड में इंडेक्सेशन के लाभ
फाइनेंस बिल 2023 में हुए संशोधन में डेट, गोल्ड और विदेशी म्यूचुअल फंड से इंडेक्सेशन का लाभ समाप्त कर दिया गया है। यह नया संशोधन एक अप्रैल, 2023 से लागू हो रहा है। इसका मतलब यह है कि अगर आप 31 मार्च ,2023 से पहले आप इन फंड्स में निवेश करते हैं, तो आपको इंडेक्सेशन का फायदा मिलेगा।
क्या होता है इंडेक्सेशन (What is Indexation)
Indexation एक ऐसा फॉर्मूला होता है, जो महंगाई से हिसाब से आपकी निवेश की वैल्यू को दिखाता है। इसका फायदा यह है कि जब आप किसी निवेश पर अपने लाभ को बुक करते है, तो इंडेक्सेशन की वजह से उसकी लागत बढ़ जाती है और वास्तविक लाभ कम हो जाता है। ऐसे में आपकी आमदनी कम दिखती है और टैक्स भी कम लगता है।
उदाहरण के लिए आप 2010 में लॉन्ग टर्म डेट म्यूचुअल फंड में 10 लाख का निवेश करते हैं और 2023 में इस निवेश की कीमत 30 लाख रुपये होती है। आपका लाभ बिना इंडेक्सेशन के 20 लाख रुपये होगा। वहीं, इंजेक्सेशन के आपकी लागत बढ़कर 22.36 लाख के करीब हो जाएगी और आपका लाभ 7.64 लाख हो जाएगा।
इंडेक्सेशन का फॉर्मूला (Indexation Formula)
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स = बिक्री मूल्य – [ लागत मूल्य x (बिक्री के साल का Cost Inflation Index / खरीद के साल का Cost Inflation Index) ]