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    ई-कामर्स साइट पर फर्जी रिव्यू लिखने वालों की अब खैर नहीं, सरकार रखेगी नजर

    ई-कामर्स कंपनियों के साथ होने वाली इस बैठक में फर्जी रिव्यू लिखने वाले लोगों पर शिकंजा कसने के लिए योजना बनाई जाएगी। बैठक में उपभोक्ता मामलों के सचिव एडवटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल आफ इंडिया (ASCI) के सदस्य मौजूद रहेंगे

    By Manish MishraEdited By: Updated: Fri, 27 May 2022 11:56 PM (IST)
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    Fake reviews on e-commerce websites under Central Government’s radar

    नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ई-कामर्स साइट पर फर्जी रिव्यू लिखने वाले लोगों पर पैनी नजर रखेगी। उपभोक्ता मंत्रालय ने इस संबंध में आज एक बैठक बुलाई है। ई-कामर्स कंपनियों के साथ होने वाली इस बैठक में फर्जी रिव्यू लिखने वाले लोगों पर शिकंजा कसने के लिए योजना बनाई जाएगी। बैठक में उपभोक्ता मामलों के सचिव, एडवटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल आफ इंडिया (ASCI) के सदस्य मौजूद रहेंगे। बैठक में मुख्य तौर पर फर्जी रिव्यू की वजह से उपभोक्ताओं पर होने वाले असर पर चर्चा होगी। इस बात पर भी चर्चा होगी कि कैसे फर्जी रिव्यू के जंजाल से बचा जा सकता है। इसी सिलसिले में उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार ने सभी हितधारकों को चिट्ठी लिखी है।

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    इस बैठक में फ्लिपकार्ट, अमेजन, टाटा संस, रिलायंस रिटेल समेत कंज्यूमर फोरम, लॉ यूनिवर्सिटी, वकील, FICCI, CII, कंज्यूमर राइट एक्टिविस्ट शामिल होंगे। उपभोक्ता मामलों के सचिव ने चिट्ठी के साथ साथ स्टेकहोल्डर्स के साथ यूरोपियन कमीशन की प्रेस रिलीज को भी साझा किया है। जिसमें 223 प्रमुख वेबसाइट्स पर ऑनलाइन कंज्यूमर रिव्यू पर यूरोपीय संघ व्यापी स्क्रीनिंग के परिणामों को उजागर किया गया है।

    उपभोक्ता मामलों के सचिव ने चिट्ठी के साथ-साथ हितधारकों के साथ यूरोपीय कमीशन की एक प्रेस विज्ञप्ति को भी साझा किया, जिसमें 223 मुख्य वेबसाइट पर आनलाइन कंज्यूमर रिव्यू पर यूरोपीय संघ के परिणामों को उजागर किया गया है। इसमें बताया गया है कि 223 वेबसाइट में से 55 प्रतिशत कंपनियों ने अनैतिक व्यापार व्यवहारों का उल्लंघन किया है। इतना ही नहीं 144 वेबसाइट में अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की साइट पर लिखे रिव्यू पूरी तरह सत्य हैं या नहीं।