FabIndia IPO: भारत के पहले ईएसजी आइपीओ पर सबकी निगाहें, किसानों-कारीगरों के लिए बड़ा ऐलान
Ethnic Wear Company FabIndia के प्रोमोटर्स ने किसानों और कारीगरों को शेअर्स गिफ्ट करने का इरादा जताया है। किसानों और कारीगरों के लिए कंपनी का यह कदम बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसे भारतीय उद्योग जगत में एक स्वागतयोग्य कदम के रूप में देखा जा रहा है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। एथनिक वियर ब्रांड फैबइंडिया (FabIndia) के आइपीओ (FabIndia IPO) को सेबी (SEBI) की मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि कंपनी की तरफ से इस आइपीओ के ओपन होने की कोई निश्चित तारीख नहीं बताई गई है, लेकिन इसके जल्द ही जारी होने की उम्मीद है। बता दें कि सेबी ने प्रस्तावित आईपीओ को मंजूरी दी थी। मार्केट सूत्रों के अनुसार, आईपीओ की साइज लगभग 4000 करोड़ रुपये होने की संभावना है।कंपनी की योजना 500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करने की है।
कारीगरों के लिए बड़ा ऐलान
फैबइंडिया के प्रोमोटरो ने लगभग 7.75 लाख शेयर्स उनसे जुड़े हुए कारीगरों और किसानों को गिफ्ट करने का इरादा जताया है। फैबइंडिया से जुड़े कारीगरों की संख्या लगभग 50,000 है जो भारत के 21 राज्यों से आते हैं। फैबइंडिया के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 12,500 किसान जुड़े हुए हैं, जो 5 राज्यों से आते हैं। फैबइंडिया के प्रोमोटरों का यह कदम भारतीय कारीगरों और किसानों के दूरगामी हितों को साधने में सहायक माना जा रहा है। बता दें कि फैबइंडिया पारंपरिक भारतीय कारीगरों के साथ लंबे समय से काम कर रहा है। कंपनी ने भारतीय कारीगरों को अपने शिल्प और डिजाइन का प्रदर्शन के लिए मंच दिया है
पर्यावरण को सहेजने की कवायद
फैबइंडिया की तकनीक पर्यावरण के अनुकूल है। फैबइंडिया के कपड़ों में 95-98 फीसद प्राकृतिक सामग्री होती है। इसके कपड़ों में नारियल और सीपियों तक का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं फर्नीचर के लिए कंपनी प्लाई बोर्ड सहित लगभग पूरी तरह से प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करती है। पारंपरिक उत्पादन विधियों का सहारा लेकर कंपनी यह भी सुनिश्चित करती है कि उसके निर्माण कार्यों में कार्बन का उत्पादन कम से कम हो।
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