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अक्टूबर के बाद फिर रफ्तार पकड़ेगा निर्यात; मंदी के बावजूद 470 अरब डालर का होगा वस्तु निर्यात, यह हैं वजहें

निर्यातकों का मानना है कि अक्टूबर के बाद से फिर से निर्यात में तेजी आई है। इसमें कम से कम 10 फीसद तक की बढ़ोतरी होने के आसार हैं। निर्यात बढ़ने के पीछे कौन से फैक्‍टर करेंगे काम जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 14 Sep 2022 08:38 PM (IST)Updated: Wed, 14 Sep 2022 11:34 PM (IST)
अक्टूबर के बाद फिर रफ्तार पकड़ेगा निर्यात; मंदी के बावजूद 470 अरब डालर का होगा वस्तु निर्यात, यह हैं वजहें
अक्टूबर के बाद से फिर से निर्यात की रफ्तार तेज होगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बीते दो महीने से निर्यात में वृद्धि की रफ्तार थमी है। लेकिन निर्यातकों का मानना है कि अक्टूबर के बाद से फिर से निर्यात की रफ्तार तेज होगी और इसमें कम से कम 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होगी। इस साल जुलाई में वस्तुओं के निर्यात में 2.14 प्रतिशत तो अगस्त में सिर्फ 1.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। अप्रैल से अगस्त के दौरान वस्तुओं के निर्यात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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निर्यात की गति रहेगी धीमी

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के अध्यक्ष ए. शक्तिवेल ने बताया कि जुलाई से लेकर सितंबर तक सामान्य तौर पर निर्यात की गति धीमी रहती है। लेकिन कम मूल्य वाली वस्तुओं के निर्यात आर्डर फिर से मिलने लगे हैं। माल की ढुलाई पर होने वाले खर्च में 50 प्रतिशत तक की कमी आ गई है। अमेरिका और जापान चीन की जगह भारत से खरीदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं।

कम से कम 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी

शक्तिवेल ने बताया कि अक्टूबर के बाद फिर से निर्यात में कम से कम 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होगी। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक वस्तु निर्यात कम से कम 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 470 अरब डालर तक पहुंच जाएगा। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 422 अरब डालर का निर्यात किया था।

वैश्विक व्यापार में सिर्फ तीन प्रतिशत की वृद्धि होगी

विश्व व्यापार संगठन के अनुमान के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर खासकर अमेरिका व यूरोप में मंदी की वजह से वर्ष 2022 में वैश्विक व्यापार में सिर्फ तीन प्रतिशत का इजाफा होगा। पहले 4.7 प्रतिशत बढ़ोतरी का अनुमान जताया गया था।

इस वर्ष कई व्यापार समझौतों की उम्मीद

फियो के महानिदेशक एवं सीईओ अजय सहाय ने बताया कि विश्व व्यापार में बढ़ोतरी अनुमान को विश्व व्यापार संगठन फिर से बदलने जा रहा है। इसमें और कमी आ सकती है। इन सबके बावजूद देश का निर्यात 15 प्रतिशत तक बढ़ेगा। सहाय ने बताया कि नवंबर तक आस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर अमल की संभावना है।

सालाना पांच अरब डालर की बढ़ोतरी संभव

अक्टूबर तक ब्रिटेन और इस साल दिसंबर तक कनाडा से व्यापार समझौता हो जाएगा। निश्चित रूप से इन व्यापार समझौते से निर्यात में बढ़ोतरी होगी। अगले 15 दिनों में रूस के साथ रुपये में व्यापार के लिए वहां के बैंक के साथ व्यवस्था होने की उम्मीद है। इस व्यवस्था से रूस को होने वाले निर्यात में सालाना पांच अरब डालर की बढ़ोतरी हो सकती है।

टेक्सटाइल निर्यात में 100 प्रतिशत तक बढ़ोतरी

दिवाली तक ब्रिटेन से एफटीए होने पर ब्रिटेन होने वाले टेक्सटाइल निर्यात में 100 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।अगस्त में 33.92 अरब डालर का निर्यातवाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, अगस्त में निर्यात 1.62 प्रतिशत बढ़तक 33.92 अरब डालर रहा है। इसके साथ ही व्यापार घाटा करीब दोगुना बढ़कर 27.98 अरब डालर पर पहुंच गया है।

कच्चे तेल के आयात में वृद्धि का कारण व्यापार घाटा बढ़ा

मंत्रालय का कहना है कि अगस्त में कच्चे तेल के आयात में वृद्धि का कारण व्यापार घाटा बढ़ा है। मंत्रालय के डाटा के अनुसार, पिछले महीने आयात 37.28 प्रतिशत बढ़कर 61.9 अरब डालर रहा है। जबकि कच्चे तेल का आयात 87.44 प्रतिशत बढ़कर 17.7 अरब डालर रहा है। इससे पहले तीन सितंबर को जारी प्रारंभिक डाटा में निर्यात में 1.15 प्रतिशत गिरावट की बात कही गई है। 


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