श्रमिकों के लिए सस्ते आवास के इंतजामे में जुटे निर्यातक, कामगारों की वापसी के लिए अभिनेता सोनू सूद की ले रहे हैं मदद
नोएडा के गारमेंट निर्यातकों ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण अपने-अपने घर वापस गए श्रमिकों को फिर से काम पर बुलाने के लिए वे अभिनेता सोनू सूद की मदद ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों को सस्ते दाम पर किराए के मकान की सुविधा देने की मुहिम शुरू होने जा रही है। नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर ने श्रमिकों के रहने के लिए 3000 फ्लैट नोएडा प्राधिकरण से किराए पर लिए हैं। एक फ्लैट में पांच श्रमिकों के रहने की व्यवस्था की जाएगी। श्रमिकों की वापसी के साथ इस प्रकार के किराए के फ्लैट की संख्या बढ़ती जाएगी। गत मई महीने में सरकार ने श्रमिकों को किफायती किराए पर मकान की सुविधा देने की घोषणा की थी। इस स्कीम को गत जुलाई महीने में कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी थी। इसके तहत पूर्व में सरकार की तरफ से बनाए गए खाली फ्लैट श्रमिकों को कम किराए पर रहने के लिए दिए जाने का प्रावधान है। यही सोच निर्यातकों को भा गई है।
नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर के प्रेसिडेंट एवं अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (AEPC) के नार्दर्न चेयरमैन ललित ठुकराल ने बताया कि श्रमिकों के रहने के लिए ये 3000 फ्लैट नोएडा सेक्टर-122 में स्थित हैं जिसे कई साल पहले झुग्गी में रहने वालों के पुनर्वास के लिए बनाया गया था। एक टावर में 32 फ्लैट है और अलग-अलग निर्यातकों ने अलग-अलग टावर किराए पर लिए हैं। उन्होंने बताया कि निर्यातकों को प्राधिकरण की तरफ से 6000 रुपए के किराए पर एक फ्लैट दिया गया है। अभी यह किराया निर्यातक ही देंगे।
निर्यातकों ने बताया कि अक्टूबर-नवंबर में गारमेंट निर्यात का पीक सीजन शुरू हो जाता है। तब गारमेंट निर्यात के काम को पूरा करने के लिए सिर्फ नोएडा इलाके में 10 लाख श्रमिकों की जरूरत होती है। अभी सिर्फ 25 फीसद श्रमिकों के साथ गारमेंट निर्यात का काम चल रहा है। निर्यातकों ने बताया कि वापस आने वाले सभी श्रमिकों के रहने के इंतजाम की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार से बातचीत चल रही है।
सोनू सूद की मदद से श्रमिकों की हो रही है वापसी
नोएडा के गारमेंट निर्यातकों ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण अपने-अपने घर वापस गए श्रमिकों को फिर से काम पर बुलाने के लिए वे अभिनेता सोनू सूद की मदद ले रहे हैं। नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर वापस चले गए 2 लाख श्रमिकों से व्हाट्सएप एवं अन्य माध्यम से संपर्क कर रहा है, लेकिन श्रमिकों की जरूरत के मुताबिक सफलता नहीं मिलने पर क्लस्टर ने सोनू सूद से संपर्क किया। ठुकराल ने बताया कि सूद के जॉब पोर्टल पर 28 लाख श्रमिक हैं और उनमें से 3 लाख गारमेंट यूनिट में काम करने वाले कुशल कारीगर है। सूद के कहने पर बड़ी संख्या में गारमेंट कारीगर वापस आने के लिए तैयार हो रहे हैं।

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