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IREDA, REC और PFC के शेयर धड़ाम, RBI का यह फैसला बना भारी गिरावट की वजह

इरेडा (IREDA) REC लिमिटेड और PFC जैसी कंपनियों के शेयरों में सोमवार को बाजार खुलते ही भारी गिरावट दिखी। कुछ के शेयर तो शुरुआती कारोबार में 12 प्रतिशत तक गए। एक हफ्ते पहले ही ये शेयर अपने रिकॉर्ड हाई पर पहुंचे थे। ऐसे में इनमें भारी गिरावट आने से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। उनके लाखों रुपये डूब गए। आइए जानते हैं कि इस गिरावट की वजह क्या है।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Published: Mon, 06 May 2024 12:05 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2024 12:05 PM (IST)
RBI इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को दिए जाने वाले लोन को लेकर चिंतित है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। Share Market News: इरेडा (IREDA), REC लिमिटेड और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) जैसी कंपनियों के शेयरों में सोमवार को बाजार खुलते ही भारी गिरावट दिखी। कुछ के शेयर तो शुरुआती कारोबार में 12 प्रतिशत तक गए। एक हफ्ते पहले ही ये शेयर अपने रिकॉर्ड हाई पर पहुंचे थे। ऐसे में इनमें भारी गिरावट आने से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। उनके लाखों रुपये डूब गए।

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शुरुआती कारोबार में कितना गिरे शेयर

PFC 12%
REC 8%
IREDA 8%

RBI की प्रस्तावित गाइडलाइंस का असर

दरअसल, रिजर्व बैंक (RBI) इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को दिए जाने वाले लोन की गारंटी को लेकर चिंतित है। यही वजह है कि बैंकिंग रेगुलेटर ने कर्ज उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को प्रस्ताव दिया है कि वे निर्माणाधीन इंफ्रा प्रोजेक्ट के लिए अधिक प्रोविजनिंग को अलग रखें। साथ ही, अगर उन्हें प्रोजेक्ट में कोई गड़बड़ी नजर आती है, तो वे उसकी सख्त निगरानी करें।

भारतीय बैंकों ने 2012-13 के दौरान बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को लोन दिया था, जिसमें से बहुत से डिफॉल्ट कर गए। एक बार इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर तेजी पकड़ रहा है, क्योंकि सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। यही वजह है कि आरबीआई ने ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की है, जिसमें इंफ्रा प्रोजेक्ट की निगरानी सख्त करने का प्रस्ताव है।

क्या है रिजर्व बैंक का प्रस्ताव?

रिजर्व बैंक ने प्रस्ताव दिया है कि जब इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट निर्माण चरण में हो, तो बैंक कुल लोन का 5 फीसदी अलग रखें, बतौर प्रोविजिनिंग। जब प्रोजेक्ट शुरू हो जाए, तो इसे कम करके 2.5 फीसदी तक कम किया जा सकता है। अगर सबकुछ ठीक रहता है और लोन की किस्तें समय से मिलने लगती हैं, तो बैंक के पास पर्याप्त नकदी होने के बाद इसे घटाकर 1 प्रतिशत तक किया जा सकता है। पहले यह प्रोविजनिंग सिर्फ 0.4 प्रतिशत तक थी।

केंद्रीय बैंक ने मसौदा गाइडलाइंस में यह भी कहा है कि कर्ज देने वालों को लगातार प्रोजेक्ट की निगरानी करनी चाहिए, ताकि किसी गड़बड़ी की सूरत में समय रहते कदम उठाने की गुंजाइश रहे। आरबीआई ने नियमों को अंतिम रूप देने से पहले 15 जून तक अपने प्रस्तावों पर टिप्पणियां मांगी हैं।

क्या है ब्रोकरेज फर्मों की राय

ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि आरबीआई की प्रस्तावित गाइडलाइंस से बैंक ज्यादा प्रभावित होंगे। जहां तक REC, PFC और IREDA की बात है, तो उनके रिटर्न ऑन इक्विटी (आरओई) पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, उनका टियर-1 रेशियो 200 से 300 बेसिस प्वॉइंट्स तक प्रभावित होगा और उनके वैल्यूएशन मल्टीपल में संभावित रूप से गिरावट भी आएगी। टियर-1 कैपिटल रेशियो वह रकम होती है, जो वित्तीय संस्थान रिस्क मैनेजमेंट के तौर पर रखते हैं।

शेयरों ने इस तरह दी प्रतिक्रिया

PFC: इसमें शुरुआती कारोबार के दौरान 12 प्रतिशत तक की गिरावट आई। यह 2020 के बाद से पहली बार एक दिन में इतना गिरा है। इससे पहले के चार कारोबारी सत्रों में PFC के शेयरों में लगातार तेजी आई थी।

REC: यह स्टॉक भी शुरुआती कारोबार में 8 प्रतिशत तक फिसल गया। इसमें पिछले 9 सत्रों से लगातार तेजी का दौर चल रहा था। यह 531 पर खुला और एक वक्त 481 तक आ गया था।

IREDA: इरेडा ने भी पिछले 6 महीने के दौरान मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। यह भी आज 8 फीसदी तक गिर गया था। यह 179 रुपये पर खुला था और 168 तक आ गया था। हालांकि, बाद में इसमें थोड़ी रिकवरी दिखी।

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