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    महंगे क्रूड से तेल कंपनियों के मुनाफे पर असर संभव, अप्रैल 2022 से नहीं बदले हैं दाम

    पिछली तीन तिमाहियों में भारी मुनाफा कमाने वाली सरकारी तेल कंपनियों को आने वाली तिमाहियों में यह रिकॉर्ड बरकरार रखना मुश्किल होगा। नोमुरा का अनुमान है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत अब पिछले एक साल में 98 डॉलर प्रति बैरल के उच्चतम स्तर पर है जिससे तेल कंपनियों को पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर औसतन 7.4 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है।

    By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 28 Sep 2023 07:53 PM (IST)
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    कच्चे तेल की कीमत पिछले एक वर्ष के उच्चतम स्तर 98 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली: पिछले तीन तिमाहियों के दौरान खासा मुनाफा कमाने वाली सरकारी तेल कंपनियों के लिए आने वाली तिमाहियों में इस रिकार्ड को बनाये रखना आसान नहीं होगा।

    तेल कंपनियों को औसतन 7.4 रुपये प्रति लीटर का हो रहा है घाटा

    अब जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पिछले एक वर्ष के उच्चतम स्तर 98 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है तो नोमुरा का आकलन है कि सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल व डीजल की बिक्री पर औसतन 7.4 रुपये प्रति लीटर का घाटा हो रहा है।

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    देश में अप्रैल 2022 से नहीं बदले हैं दाम

    पेट्रोल व डीजल की लागत कंपनियों के लागत मूल्य व सरकारी टैक्स के जोड़ से ज्यादा का है। सरकारी तेल कंपनियों ने अप्रैल, 2022 के बाद देश में खुदरा मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया है। जबकि इस दौरान क्रूड की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।

    घाटे में डीजल की हो रही है बिक्री

    नोमुरा का आकलन कहता है कि 24 सितंबर, 2023 को सरकारी तेल कंपनियां लागत के मुकाबले डीजल 5.7 रुपये प्रति लीटर कम पर बेच रही हैं। एक हफ्ते पहले यह राशि 3.9 रुपये प्रति लीटर की थी। कई महीनों से पेट्रोल बिक्री को लेकर तेल कंपनियां लाभ कमा रही थी लेकिन अब वहां भी उन्हें 1.7 रुपये प्रति लीटर का घाटा होने लगा है।

    इस महीने 93.03 डॉलर प्रति बैरल पर तेल कंपनियों ने खरीदा क्रूड

    पेट्रोलियम मंत्रालय का डाटा बताता है कि इस महीने 26 सितंबर तक भारतीय कंपनियों ने 93.03 डॉलर प्रति बैरल की दर से क्रूड की खरीद की है। अगस्त में यह कीमत 86.43 डॉलर, जुलाई में 80.37 डॉलर, जून में 74.93, मई में 74.98 और अप्रैल में 83.76 डॉलर थी।

    साफ है कि जब क्रूड की खरीद सस्ती दर पर हुई होगी तब तेल कंपनियों को ज्यादा मुनाफा हुआ होगा। अप्रैल से जून की तिमाही में सरकारी क्षेत्र की तीन प्रमुख तेल मार्केटिंग कंपनियों (आइओसी, बीपीसीएल व एचपीसीएल) को संयुक्त तौर पर 31,282 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है।