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    EPF और EPS में क्या होता है अंतर? रिटायर होने पर किससे मिलेगा कितना फायदा; यहां जानें सब

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 09:21 AM (IST)

    ज्यादातर नौकरीपेशा व्यक्तियों की सैलरी से हर महीने कुछ रकम पीएफ के रूप में काटी जाती है। ये पैसे आपको रिटायर होने पर ही मिलते हैं। हालांकि कुछ स्थिति में ये पैसे आप पहले भी निकाल सकते हैं। पीएफ शब्द आते ही लोगों को ईपीएफ ही समझ आता है। लेकिन पीएफ के तहत आपको ईपीएफ और ईपीएस दोनों का फायदा मिलता है, आइए इनमे अंतर समझते हैं?  

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    नई दिल्ली। सैलरी से हर महीने कटने वाला पीएफ के बारे में हर कोई जानता है। बेसिक सैलरी का 12 फीसदी पैसा हर महीने पीएफ खाते में जमा होता है। आम आदमी इस आस में पैसा लगाता है कि उसे रिटायरमेंट पर कुछ रकम मिलेगी। 

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    जब भी हम पीएफ का नाम सुनते हैं हमारे दिमाग में बस ईपीएफ का नाम आता है। बहुत से लोग ईपीएस से अनजान रहते हैं। आज हम ईपीएफ और ईपीएफ के अंतर को समझेंगे?

    क्या होता है EPS?

    ईपीएस एक ऐसी स्कीम है, जो आपके बुढ़ापे का सहारा बनती है। पीएफ के तहत कर्मचारी और कंपनी दोनों ही सेम योगदान देती है। लेकिन कंपनी का बड़ा हिस्सा ईपीएस में जमा होता है। वहीं कर्मचारी की ओर से ईपीएस में योगदान नहीं जाता।

    ये पैसे उन्ही कर्मचारी को मिलते हैं, जिनका ईपीएफ में 10 साल से ज्यादा योगदान हो। ये पेंशन 5 साल की उम्र यानी रिटायर होते ही शुरू हो जाती है। वहीं व्यक्ति के निधन तक ये पैसे मिलते रहते हैं। लाभार्थी के निधन होने के बाद भी लाभार्थी के नामित व्यक्ति को ये पैसे मिलते रहते हैं। 

      ईपीएफ ईपीएस
    कंपनी का योगदान बेसिक सैलरी का 3.67% बेसिक सैलरी का 8.33 %
    कर्मचारी का योगदान बेसिक सैलरी का 12% कुछ नहीं
    लिमिट बेसिक सैलरी के आधार पर हर महीने 1250
    टैक्स टैक्स फ्री है
    कोई ब्याज नहीं दिया जाता है।
    निकासी पूरी राशि रिटारयमेंट के बाद अब कुछ स्थिति में पूरे पैसे पहले भी निकाल सकते हैं। पेंशन 58 साल पर शुरू होगी।
    योगदान कितने समय 60 साल तक, बेरोजगारी होने पर नहीं न्यूनतम 10 साल, शुरुआती पेंशन के लिए 50 साल और नियमित पेंशन के लिए 58 साल तक

    कैसे होता है पीएफ का बंटवारा?

    अगर आप नौकरीपेशा है और सैलरी से पीएफ कट रहा है। ऐसे में आपका जानना है कि पीएफ में कटने वाले पैसे कैसे आपको मिलते हैं?

    • ईपीएफओ के नियम के अनुसार बेसिक सैलरी का 12 फीसदी काटा जाता है। ये पैसे सिर्फ कर्मचारी नहीं देता, बल्कि कंपनी की ओर से भी सेम अमाउंट दिया जाता है। 

  • अब कर्मचारी का कुल 12 फीसदी ईपीएफ में जमा होते हैं, जबकि कंपनी के 12 फीसदी से 3.67 फीसदी ही ईपीएफ में जमा किए जाते हैं। 

  • इसके अलावा कंपनी द्वारा दिए गए 8.33 फीसदी पैसे ईपीएफ में जमा किए जाते हैं।