Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिजली खपत-संपत्ति कर से बढ़ेगा GST का दायरा, गैर-जीएसटी पंजीकृत कारोबारों की पहचान की जाएगी

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Sat, 17 Dec 2022 08:37 PM (IST)

    केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमैन विवेक जोहरी ने बताया कि जीएसटी का दायरा बढ़ाने के लिए बिजली वितरण कंपनियों व संपत्ति कर विभाग से डाटा शेयर किया जा रहा है। पैन से जुड़ा विभिन्न डाटा भी विभाग के साथ शेयर करने की तैयारी है।

    Hero Image
    डिस्काम और संपत्ति कर के डाटा के विश्लेषण से गैर-जीएसटी पंजीकृत कारोबारों की पहचान की जाएगी

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीएसटी का दायरा बढ़ाने के लिए सरकार बिजली की खपत व प्रापर्टी के डाटा का इस्तेमाल करने जा रही है। वहीं, जीएसटी के फर्जी पंजीयन को रोकने के लिए आधार सत्यापन से पंजीयन की तैयारी की जा रही है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन विवेक जोहरी ने बताया कि जीएसटी का दायरा बढ़ाने के लिए बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) व संपत्ति कर विभाग से डाटा शेयर किया जा रहा है। पैन से जुड़ा विभिन्न डाटा भी विभाग के साथ शेयर करने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में डिस्काम से डाटा शेयरिंग तो महाराष्ट्र में संपत्ति कर विभाग से डाटा शेयरिंग का काम शुरू हो गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जीएसटी चोरी रोकने में मिलेगी मदद

    गुजरात में पैन से जुड़ा विभिन्न डाटा शेयर किया जा रहा है। जोहरी ने बताया कि डिस्काम से डाटा शेयर करने से यह पता चल सकेगा कि किसकी बिजली वाणिज्यिक है और वह महीने में कितनी खपत करता है। उस हिसाब से वह जीएसटी दे रहा है या नहीं। कई कारोबारी ऐसे भी होते हैं जिनका टर्नओवर जीएसटी पंजीयन के लायक होता है, लेकिन वे जीएसटी से बचने के लिए अपना पंजीयन नहीं कराते हैं। बिजली की खपत से उनकी मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता का पता चल सकेगा। संपत्ति कर के विश्लेषण से भी कारोबारियों की क्षमता का अंदाजा लगाया जा सकता है और जिन्होंने जीएसटी का पंजीयन नहीं कराया है, उन्हें दायरे में लाया जाएगा।

    Video: जीएसटी की दरों में बदलाव, जानें क्या महंगा, क्या सस्ता? | GST Rates Hike

    इससे जीएसटी चोरी रोकने में भी मदद मिलेगी। दायरा बढ़ने से जीएसटी संग्रह अधिक होगा। फर्जी जीएसटी पंजीयन का पता करने के लिए बायोमैट्रिक आधारित आधार सत्यापन का पायलट प्रोजेक्ट चलाने का फैसला किया गया है। गुजरात में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत होने जा रही है। किसी पंजीयन पर शक होने पर आवेदक का भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा।

    ये भी पढ़ें: स्टार रेटिंग से पता ही नहीं चलेगा आपके खाने में सॉल्ट, शुगर या फैट जरूरत से अधिक है- विशेषज्ञ

    Fact Check: आमिर खान के फैन अकाउंट के जरिये किया गया था ट्वीट, फेसबुक पर लोगों ने किया असल ट्वीट समझ कर वायरल