सहारा समूह पर ED का एक्शन, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कई जगहों पर छापेमारी; निवेशकों के पैसों से जुड़ा है मामला
ईडी ने सहारा समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गाजियाबाद लखनऊ श्रीगंगानगर और मुंबई में नौ ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई पीएमएलए के तहत ओडिशा बिहार और राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज एफआइआर के आधार पर की गई। छापेमारी में महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए और बयान दर्ज हुए।

नई दिल्ली। ED Raids Sahara Group: ईडी के कोलकाता जोनल कार्यालय ने सोमवार को सहारा समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई की। ईडी ने गाजियाबाद, लखनऊ, श्रीगंगानगर और मुंबई में कुल नौ ठिकानों पर छापेमारी की। ये ठिकाने सहारा समूह से जुड़ी विभिन्न जमीन और शेयर लेन-देन से संबंधित संस्थाओं के थे।
मंगलवार को ईडी की ओर से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गई है। ईडी ने यह जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शुरू की। इसकी शुरुआत ओडिशा, बिहार और राजस्थान पुलिस की ओर से दर्ज तीन एफआइआर के आधार पर हुई थी। छापेमारी के दौरान ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और रिकार्ड जब्त किए और संबंधित व्यक्तियों के बयान दर्ज किए।
ये एफआइआर हमारा इंडिया क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (एचआइसीसीएसएल) और अन्य के खिलाफ आइपीसी की धारा 420 और 120बी के तहत दर्ज की गई थीं। सहारा समूह की विभिन्न कंपनियों के खिलाफ अब तक 500 से अधिक एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से 300 से ज्यादा पीएमएलए के तहत निर्धारित अपराधों से जुड़ी हैं।
आरोप है कि सहारा समूह ने जबरन पुनर्निवेश और मैच्योरिटी भुगतान रोककर निवेशकों को बड़े पैमाने पर धोखा दिया। जांच में सामने आया कि सहारा समूह ने आधा दर्जन से अधिक कंपनियां बनाकर और अन्य संस्थाओं के जरिए पोंजी स्कीम चलाई।
निवेशकों और एजेंटों को ऊंचे रिटर्न और कमीशन का लालच देकर पैसे जमा कराए। निवेश की मैच्योरिटी पर भुगतान नहीं किया गया, बल्कि दबाव डालकर या गलत जानकारी देकर फिर से निवेश करा दिया गया। इससे पहले ईडी इस मामले में तीन अस्थायी कुर्की आदेश जारी कर चुकी है।
अंबी वैली में लगभग 1,460 करोड़ रुपये की 707 एकड़ जमीन, सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड में लगभग 1,538 करोड़ रुपये की 1,023 एकड़ जमीन, और चांदनी राय (पत्नी- सीमांत राय) की 14.75 करोड़ रुपए की चल संपत्ति शामिल हैं।
ईडी पहले ही सहारा समूह के चेयरमैन कोर मैनेजमेंट आफिस के कार्यकारी निदेशक अनिल वैलापरमपिल अब्राहम और लंबे समय से जुड़े प्रापर्टी ब्रोकर जितेंद्र प्रसाद वर्मा को गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
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